सर्च इंजनों के सामने कोई प्रोडक्ट टिक करना काफी मुश्किल है। लंबे समय से टेक इंडस्ट्री में गलगल अपना दमखम बनाए हुए हैं और लगातार बनाए रखना चाहते हैं। लेकिन, 2 हफ्ते पहले एक एक्सपेरिमेंटल चैटबॉट चैट GPT (जेनेरेटिव प्रीट्रेंड ट्रांसमिटर्स) रिलीज हुआ जिसने इंडस्ट्री में हलचल मचा दी। दरअसल, चैट जीपीटी को एक बड़ा गेमचेंजर माना जा रहा है। इसके सामने आने के बाद गूगल में कई राउंड हो गए जिसके बाद व्हाट्सएप मैसेज ने कंपनी में कोड रेड जारी कर दिया। यानी अब कंपनी के अंदर प्रोडक्ट्स पर ज्यादा जोर दिया जाएगा और जीपीटी से बेहतर विकल्प गूगल को चैट करेंगे।
चैट जीपीटी क्या है
चैट जीपीटी एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर है। चैट जीपीटी बोलीव प्रिटेंड ट्रांस्क्रिप्टर्स। सरल भाषा में आप इसे ऐसे समझ रहे हैं कि ये मकमल की तरह ही इंजनों पर काम करता है। ये आपको बेहतर तरीके से स्पष्ट, विशिष्ट और प्रतिवादी टिप्पणी है। यही कारण है कि इस सॉफ़्टवेयर की लोकप्रियता में लगातार वृद्धि हो रही है जो Google के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इस सॉफ्टवेयर को बनाने का श्रेय सैम अल्टमैन को दिया जाता है। उन्होंने शुरुआत 2015 में एलन मस्क के साथ की थी, लेकिन बाद में एलन मस्क इस प्रोजेक्ट से हट गए थे।
पिछले दो दशकों से Google खोज इंजन दुनिया के लिए इंटरनेट का प्राथमिक स्रोत के रूप में काम करता है। लेकिन, जैसे ही बाजार में एक्सपेरिमेंट के तौर पर चैटबॉट चैट जीपीटी रिलीज हुआ तो इससे गूगल में हलचल मच गई। इसे Google के लिए व्यावसायिक व्यवसाय माना जा रहा है। टेक क्षेत्र से जुड़े जानकारों का मानना है कि चैटबॉट चैट जीपीटी से कंपीट करने में गूगल स्ट्रगल कर सकता है। ये चैटबॉट क्योंकि स्पष्ट और आसान भाषा में जानकारी प्रदान करता है जिससे ये जल्दी लोकप्रिय हो सकते हैं। इतना ही नहीं ये चैटबॉट शुरू से कोड को डिवेलप, बिजनेस इंडस्ट्री के लिए प्लान, यहां तक कि वेकेशन प्लान और क्रिसमस पर क्या गिफ्ट देना है, ये सभी आपको बता सकते हैं। हालांकि अभी चैट जीपीटी शुरुआती चरण में है जिसमें बदलाव और सुधार की जरूरत है जो समय के साथ होगा और गूगल के लिए बड़ी परेशानी बन सकता है।
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फिश ने कोड रेड जारी किया
जैसे ही चैटबॉट चैट जीपीटी ने बाजार में सुर्खियां बटोरी तो गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक के बाद एक कई फंक्शंस और फंक्शंस को कोड रेड जारी कर दिया। ये कंपनी के लिए एक अलमार की तरह है। चैट जीपीटी को 2 हफ्ते पहले ही एक्सपेरिमेंटल तौर पर सार्वजनिक किया गया था। यह लोग ओपन की वेबसाइट पर संलग्न कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार, सार्वजनिक होने के बाद इस प्लेटफॉर्म पर 10 लाख से ज्यादा हिट हो चुके हैं। इस बात ने गूगल सर्च के भविष्य के बारे में कंपनी को अलर्ट कर दिया है। कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने गूगल के कार्य स्ट्रेटजी को लेकर कई गलत की और कंपनी को निर्देश दिया कि वो अपने खोज इंजन पर चैट जीपीटी के खतरों को दूर करने के लिए ध्यान केंद्रित करें।
LaMDA कम्पीट करने के लिए मौजूद है
बता दें चैट जीपीटी से वैसे ही कंपीट करने के लिए Google ने पहले ही एक चैटबॉट बनाया है। ओपन चैट के चैटबॉट की कोर टेक्नोलॉजी को गूगल के सर्च ने ही डिवेलप किया था। Google के पास LaMDA या लैंगवेज मॉडल फॉर डायलॉग गेम नाम का एक चैटबॉट है जो चैट जीपीटी से कंपीट कर सकता है।
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