ट्रेन पेंट्री कार में एलपीजी सिलेंडर: ट्रेन में चलने वाली पैंट्री कार में ऑलीजी सिलिंडर का इस्तेमाल रोक दिया जाता है। इसके बावजूद कुछ वेंडर नकल का उपयोग कर रहे हैं। पुणे से हावड़ा तक जाने वाला आजाद हिंद मैनेजर में भी ऐसा ही हो रहा था, जिसके बाद ट्रेन कैंट्री कार मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया। नागपुर आरपीएफ ने रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए पैंट्री मैनेजर को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आरपीएफ ने मैनेजर के पास से दो एपीजी सिलिंडर भी बरामद किए हैं।
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की एक टीम ने शुक्रवार को जांच के दौरान पाया कि पैंट्री कार में ऑलजी सिलेंडर का इस्तेमाल कर खाना बनाया जा रहा था। पकड़ा गया मैनेजर मध्य प्रदेश का रहने वाला है।
एक्सजी पर रोक
जून 2022 में रेलवे बोर्ड के निर्देश के बाद IRCTC ने किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए जोनल रेलवे को मेल/एक्सप्रेस ट्रेन से जुड़ी सभी पैंटी कार में खाना पकाने के लिए केवल एकमात्र सिलेंडर का इस्तेमाल बंद करने का कहा था।
बाजी के बदले क्या?
ट्रेन में एलपीजी बैन है तो खाना कैसे बनता है। ये सवाल कईयों के मन में उठता होगा। दरअसल ऑलजी की जगह पैंट्री कार को फ्लेमलेस इलेक्ट्रिक डिजाइन या फिर इंडक्शन में टॉप कुकिंग में बदलने को कहा गया है। इसके लिए पैंट्री कार मे विशिष्ट कुकिंग उपकरण माने जाते हैं। एपीजी की जगह बिजली का प्रयोग किया जाता है। क्लियर-सफाई का विशेष ध्यान रखने के लिए इसे स्टैनलेस स्टील से बनाया जाता है।
जानकारी के मुताबिक एपीजी पैंट्री कार से फ्लेमलेस पैंट्री कार में बदलने में 60 लाख रुपये का खर्च आता है। इससे आग लगने का खतरा कम होता है। उसी तरह इस तरह की पैंट्री कार में फैले हुए चित्र ईधन के उपयोग को खत्म करने में भी मदद करता है।
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