ममनी महोत्सव: थोड़ी ही देर में लद्दाख का नाम ही नज़र आता है जिसके सामने बर्फीले पहाड़ और ठोस बर्फ की परतें दिखाई देती हैं। ऐसे में पड़ रही कड़ाके की ठंड के बीच शायद जीवन चक्र भी जम गया है। ऐसा भी अनुमान होता है। लेकिन संदेश के लोगों के लिए इस मौसम में सामान्य मार्ग ठीक वैसी ही चलती है जैसे गर्मियों में होती है। माइनस 20 से 30 डिग्री के तापमान के बीच यहां के निवासी न केवल सामान्य मार्ग पर चलते हैं, बल्कि विशेष उत्सव भी आयोजित किया जाता है।
रविवार (22 जनवरी) को कारगिल और द्रास में एक ऐसा ही पारम्परिक महोत्सव का आयोजन किया गया जिसे स्थानीय भाषा में मिमि कहा जाता है। यह एक पारंपरिक त्योहार है जिसे ग्लोबली एक भोजन उत्सव के रूप में मनाया जाता है। थोड़े ही दिनों में बनने वाले विशेष लदाखी भोजन की प्रदर्शनी होती है। कारगिल जिले भर में पहले दिन उस उत्सव को मनाने के लिए हजारों लोग पहुंचे।
महोत्सव का आयोजन कारगिल जिला प्रशासन ने किया है
पुराने ज़माने में हर गांव के लोग अपने घर से खाना बनाकर लाते थे और पूरा गांव इसमें शामिल होता था। लेकिन आज कल महोत्सव का आयोजन कारगिल जिला प्रशासन ने किया है। त्योहार का आयोजन सर्दी के सबसे कठिन दिनों में होता है – चिल्लकलाएं में होता है और इस स्थान को पारंपरिक सम्बद्धताओं को न केवल चित्रित किया गया है बल्कि स्थानों पर भी बनाया गया है। मेले में शामिल होने वालों में भी विषाक्त पदार्थ गए।
प्रोग्राम प्रोग्राम को जिंदा रखने के लिए रखा जाता है
पुराने ज़माने में ऐसे मेलों के खड़े होने का मकसद ठंड के दिनों में लोगों को यूनिटी बनाकर खुशी मनाने का मौका देना था. लेकिन नए जामने में इस कार्यक्रम के ज़रिये प्रदेश अपनी सभ्यता और जमा को जीवित रखने और पर्यटकों के नक़्शे पर इसे जोड़ने की कोशिश के तौर पर किया जा रहा है। प्रकट करने वाले अनायत अली ने कहा कि आम तौर पर लोग केवल गर्मियों में सूचना मिलते हैं। सर्दियों में ऐसा लगता है कि यहां कुछ नहीं होता है। लेकिन लदाख के लोग तुरंत ही अपने कठिन जीवन को खुशी गु ज़ारते हैं। इसे देखने के लिए होना चाहिए।
खाने में ये जहरीला पदार्थ होता है
मिमि के शामिल होने वाले लोगों को कारगिल के पारंपरिक खानों – जिन में पोपोट (अनाज का सूप), हर्त्स्राप खुर (यीस्ट ब्रेड), मार्खोर अजोग (पुरी), पोली (बक व्हीट के पान केक), दही, सुगू (काश या पाछे) परम्पर्क प्लेट चंग्रह में ऑक्सीट्रोज होता है। आजोयन में बड़ी संख्या में लद्दाख में नौकरी पाने के लिए रोजगार भी इस पारंपरिक दस्तावेजों के पदों में शामिल हुए ना सिर्फ खाने का मजाक लिया, पर साथ-साथ पारंपरिक वेश-भूषा, नृत्यों और गाने का भी आरक्षण लिया।
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