लंबित मामलों पर किरण रिजिजू: देश में अदालती मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अदालत में मामलों की संख्या को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने एक बार फिर चिंता जाहिर की है। केंद्रीय कानून मंत्री ने अदालतों में मामलों को सुलझाने के लिए सुलझाया केंद्र की ओर से पूरा सहयोग जाने की बात कही।
रिजिजू ने बताया कि देश भर के विभिन्न न्यायालयों में पांच करोड़ से अधिक मामले दायर हैं। उन्होंने कहा, “अदालतों में लंबित मामलों को व्यवस्थित करने के लिए मोदी सरकार, न्यायपालिका को पूरा सहयोग दे रही है।” वे ये बातें हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर में ‘भारतीय वकील परिषद’ के 16वें राष्ट्रीय सम्मेलन को कहीं संदेश देते हुए कर रहे हैं।
मीडिया पर फोटो पर विवाद का ठीकरा
केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा, “सरकार ने COVID-19 महामारी के दौरान भी अदालतों को अच्छी तरह से खींचने के लिए कदम उठाए ताकि इस अवधि के दौरान अदालतें काम कर सकें।” रिजिजू ने इस दौरान सरकार और न्यायपालिका में टकराव की खबरों का खंडन करते हुए इस पर मीडिया को दोषी बताया। उन्होंने कहा, “कई नेता और मीडियाकर्मी लगातार यह फैला रहे हैं कि केंद्र और न्यायपालिका के बीच किसी तरह का तनाव है और कई बार अखबार दावा करते हैं कि सरकार न्यायपालिका के अधिकार पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है।”
‘संविधान से चलती है मोदी सरकार’
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय कानून मंत्री ने मोदी सरकार में संविधान को सबसे ऊपर बताया है. उन्होंने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री का पद संभाला है, देश चलाने की बात आती है तो संविधान को एक पवित्र ग्रंथ माना जाता है। हमारे लिए न्यायपालिका को देश के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए, लेकिन दूसरों के लिए न्यायपालिका को उनके पक्षों के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।”
मामलों पर सुनवाई हो रही है
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में एक प्रश्न के उत्तर में बताया था कि सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2022 से 29 हजार से अधिक मामलों की जांच की है। सितंबर 2022 तक देश भर के हाई कोर्ट ने करीब 15 लाख कानूनी मामलों पर सुनवाई की है तो वहीं देश भर के मुकदमों में 1.76 करोड़ से ज्यादा मामले दाखिल हुए हैं।
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