मोरबी पुल ढहने का मामला: मोरबी नगर वरीयता ने गुजरात सरकार से अपील की है कि कस्बे में कुछ महीने पहले एक पुल गिरने की घटना की तफ्तीश के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा ज़ब्त किए गए प्रमाणपत्र को लौटा दिया जाए ताकि वह सरकार के कारण-बताओ नोटिस का जवाब दें दे सके।
सरकार ने नोटिस में पूछा है कि पुल हादसे को लेकर नगर निर्णय को भंग क्यों नहीं करना चाहिए? इस दुर्घटना में 135 लोगों की जान चली गई थी। नगर क्रम के एक अधिकारी ने कहा कि सभी दस्तावेज़ सरकार द्वारा नियुक्त एसआईटी के पास हैं और नगर निकायों के पास कोई कागज नहीं है।
कब गिरा पुल?
मोरबी में मच्छू नदी पर बना ब्रिटिश काल का पुल 30 अक्टूबर, 2022 को गिरा था। इस मामले में राज्य सरकार ने पिछले हफ्ते मोरबी हादसे में कारण-बताओ नोटिस जारी किया था और पूछा था कि जिम्मेदारी निभाने के कारण नगर को भंग क्यों नहीं किया जाना चाहिए।
राज्य के शहरी विकास विभाग ने नोटिस में नगर समाधान को 25 जनवरी को लिखित तक स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। मोरबी नगर निगम के समझौते के अनुसार पुल का संचालन और निगरानी ओरेवा समूह कर रहा था।
मोरबी नगर निर्णय ने पास कर दिया प्रस्ताव
मोरबी नगर समझौते ने सोमवार को एक बैठक में प्रस्ताव पारित किया, जिसमें सरकार से उसका एसआईटी द्वारा ज़ब्त दस्तावेज वापस करने का अनुरोध किया गया है। बैठक के बाद नगर प्रमाण के उपाध्यक्ष जयराज सिंह जडेजा ने शपथ को यह जानकारी दी और कहा कि सरकार के कारण-बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए दस्तावेज जरूरी हैं।