अदानी का बयान: अमेरिकी वित्तीय अनुसंधान कंपनी हिंडनबर्ग अनुसंधान ने आरोप लगाया था कि अडानी समूह पर ‘खुल्लम-खुलता स्टॉक में गड़बड़ी और खाता धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। हालांकि, अडानी ग्रुप ने इस आरोप को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया। उसने कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि उसके शेयरों की बिक्री को नुकसान पहुंचाने का गलत इरादा था। अदानी ग्रुप के लीगल हेड जतिन जालुंधवाला ने इसकी जानकारी दी है।
अदानी ग्रुप ने क्या कहा है
अडानी ग्रुप ने कहा कि रिपोर्ट को लेकर वास्तविकता की पुष्टि के कारण उससे किसी ने संपर्क नहीं किया और अचंभित और परेशान करने वाला है। पोर्ट से लेकर एनर्जी सेक्टर में काम कर रहे ग्रुप ने कहा, “रिपोर्ट कुछ और नहीं बल्कि चुनिंदा गलत और निराधार को लेकर तैयार की गई है और जिसका मकसद पूरे तरीके से व्यू है। जिन बातों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है, उसे भारत की अदालत ने भी खारिज कर दिया है।”
अदानी ग्रुप के ग्रुप सीएफओ जुगेशिंदर सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर अदानी ग्रुप के ग्रुप सीएफओ जुगेशिंदर सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हम हिंडेनबर्ग रिसर्च की छपी रिपोर्ट से हैरान हैं क्योंकि उन्होंने हमसे बिना संपर्क किए या फिर सही तथ्यों को सत्यापित करते हुए ब्लॉग रिपोर्ट प्रकाशित की है। अदानी ग्रुप ने कहा कि ये रिपोर्ट गलत, बासी, निराधार और बदनाम करने वाले जेसे का एक दशकों का मिश्रण है जिसे भारत के सर्वोच्च न्यायालयों में परखा गया है और उसे कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि अडानी इंटरप्राइजेज के एफपीओ को नुकसान पहुंचाने के इरादे से यह रिपोर्ट आई है। अदानी ग्रुप ने रिपोर्ट के समय को लेकर भी सवाल उठाया है। उसने कहा कि एफ़पीओ से ठीक पहले जारी रिपोर्ट से साफ़ पता चलता है कि अतिरिक्त इरादे से लाया गया है जिसका मकसद अडानी समूह के साख को बट्टा लगाना है।
हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोप बेहद गंभीर- अडानी ग्रुप के शेयर लेआउट
अमेरिकी हिंडनबर्ग के अनुसार उसके दो साल की खोज के बाद यह पता चला कि 17,800 अरब रुपये (218 अरब डॉलर) मूल्य वाला अडानी ग्रुप डेक्स से ‘खुल्लम-खुल्लम स्टॉक में गड़बड़ी और खाता धोखाधड़ी’ में शामिल हो रहा है। यह रिपोर्ट अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के अनुगामी सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के आवेदन के लिए लुक से ठीक पहले आई है। कंपनी का एफपीओ 27 जनवरी को फ्रैंक 31 जनवरी को बंद होगा।
रिश्वत, मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के आरोप
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, “अडानी ग्रुप के संस्थापक और गौतम अडानी का नेटवर्थ 120 अरब डॉलर है। इसमें से 100 अरब डॉलर से ज्यादा का लगातार तीन साल में हुआ। इसकी वजह ग्रुप की लिस्ट में सात शेयर शेयर में तेजी है। इनमें से औसत के दौरान 819 प्रतिशत तेजी से बढ़े हैं।” रिपोर्ट में अडानी परिवार के नियंत्रण संबंधी फ़ैसले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। ये कंपनियां कैरेबियाई और मॉरीशस से लेकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तक है। इसमें यह दावा किया गया है कि इन इकाइयों द्वारा भ्रष्टाचार, मनीड्रिंग और टैक्स चोरी को अंजाम दिया गया है। उसी के साथ ग्रुप की लिस्टेड ऑब्जिस्टर के धन की हेराफेरी के लिए भी इसका उपयोग किया गया।
हिंडनबर्ग ने कहा, “शोध को लेकर अडानी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई लोगों के साथ बातचीत की गई। हजारों दस्तावेजों की समीक्षा की गई और करीब छह देशों में जाकर स्थिति का पता लगाया गया।” कंपनी ने उन प्रयासों से परदा हटाने का दावा किया, जिसके कुछ हफ्तों में कई उपाय किए गए। रिपोर्ट में कहा गया है, “ग्रुप की प्रमुख सूची प्राधिकरण ने काफी कर्ज लिया है। इसमें जब शेयर के दाम में बदलाव हुए थे, तब उसे गिरवी पर रख कर लिया गया कर्ज शामिल है। इसने पूरे समूह की वित्तीय स्थिति को डांवाडोल स्थिति में डाल दिया है।”
अडानी ग्रुप ने फर्जीवाड़ा किया है
ध्यान देने वाली बात ये है कि अडानी ग्रुप बार-बार कर्ज को लेकर चिंता को खारिज कर रहा है। समूह के मुख्य वित्त अधिकारी जुगेशिंदर सिंह ने 21 जनवरी को मीडिया से बातचीत में कहा, “किसी ने भी हमारे कर्ज को लेकर चिंता नहीं लगाई। एक भी ब्याज ने कुछ नहीं कहा।” समूह ने कहा, “वित्तीय नाममात्र और प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग दस्तावेजों के विस्तृत विश्लेषण और रिपोर्ट के आधार पर इच्छुक समुदाय हमेशा अडानी समूह पर भरोसा करते हैं।” उसने कहा, “हमारी कहानियाँ वस्तुओं से वाकिफ हैं और वे निहित स्वार्थ के साथ जारी एकतरफा और निराधार रिपोर्ट से प्रभावित होने वाले नहीं हैं।” समूह ने कहा, “ग्रुप चाहे जहां भी काम करता है, हमेशा सभी नियमों का अनुपालन करता है और कंपनी के उच्च मानकों को बनाए रखता है।”
कल अडानी ग्रुप के स्टॉक में भारी गिरावट
रिपोर्ट के बाद अदानी ग्रुप के शेयर में कल भारी गिरावट देखी गई। हालांकि बाद में यह नुकसान से नुकसान में कामयाब नहीं हो सका। अडानी इंटरप्राइजेज 2.5 प्रतिशत कम था, लेकिन समूह के बयान लगभग दो बजे 1.5 प्रतिशत कम थे। अदानी पोर्ट एंड एस जेड लिमिटेड भी एक बार 6.23 प्रतिशत नीचे चला गया था। बाद में इसमें कुछ सुधार आया।