बजट 2023 हलवा सेरेमनी: केंद्रीय बजट तैयार करने की प्रक्रिया के अंतिम चरण को लेकर पारंपरिक ‘हलवा सेरेमनी’ आज वित्त मंत्री निर्मल सरकारी उपस्थिति में आयोजित की गई। इस दौरान वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ बजट प्रेस के सदस्य भी मौजूद रहे. वित्त मंत्री निर्मल की मौजूदगी में नार्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी का मामला हुआ और सभी को हलवा किया गया।
इस साल भी पेपरलेस को बजट मिलेगा
वित्त मंत्री निर्मल ने पारंपरिक हलवा व्यवस्था को पूरा किया है। उनके साथ हलवा सेरेमनी के भाषणों में वित्त राज्य मंत्री डॉ भगवत किशनराव कराड़ के साथ-साथ वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे। पिछले दो वर्षों की तरह 2023-24 का केंद्रीय बजट भी कागजी अनुपयोगी या पेपरलेस रूप में दिया जाएगा। इसे एक फरवरी को पेश किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने कल ही दे दी थी जानकारी
वित्त मंत्रालय ने कल ही एक ट्वीट के जरिए इस बात की जानकारी दी थी। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया था कि बजट दस्तावेज 1 फरवरी को अधिसूचना द्वारा बजट भाषण पूरे होने के बाद दोनों प्लेटफॉर्म पर ‘यूनियन बजट मोबाइल ऐप’ पर उपलब्ध होंगे।
हलवा सेरेमनी की घटना क्यों होती है
हलवा सेरेमनी के पीछे की मान्यता है कि हर शुभ काम को करने से पहले कुछ मीठा खाना चाहिए। भारतीय परंपरा में हलवे को काफी शुभ भी माना जाता है। देश के बजट जैसे बड़े आयोजन के लिए दस्तावेजों की छपाई से पहले इस सेरेमनी का खुलासा किया जा रहा है। इस परंपरा के तहत वर्तमान वित्त मंत्री स्वयं बजट से जुड़े कर्मचारी, बजट की छपाई से जुड़े कर्मचारी और वित्त अधिकारियों को हलवा शेयरते हैं। हालांकि, पिछले 2 साल से बजट पेपरलेस होने लगा है तो बजट दस्तावेजों की पहली तरह की छपाई नहीं होगी।
आधिकारिक रूप से बजट दस्तावेजों की छपाई शुरू होगी
वित्त मंत्रालय में गुरुवार को पारंपरिक हलवा व्यवस्था के साथ ही 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट डाक-पत्रों की छपाई की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हलवा सेरेमनी की स्थिति के बाद बजट से जुड़े दस्तावेजों की गोपनीयता बरकरार रखने के लिए वित्त मंत्रालय के 100 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी आज से लेकर बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय की परतों में स्थित छपाई खाने में ही रहेंगे। और उन्हें बजट पेश होने तक जाने की इजाज़त नहीं होगी।
इन लोगों के परिवार के सदस्यों के साथ भी कोई संपर्क नहीं रहेगा और यहां तक कि यहां तक कि अपने घर जाने की भी अनुमति नहीं होगी। इंटरनेट व फोन की व्यवस्था भी नहीं होगी। घरवाले इन कर्मचारियों के अधिकारियों को फोन करके ही अपनों से संपर्क कर सकते हैं। वित्त मंत्रालय की कैंटीन में उनके लिए खाना तैयार होगा और उनके लिए सोने की व्यवस्था होगी।
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