प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना: किसानों को गिरावट के बाद लंबा इंतजार करना पड़ता है। इस बीच, उन्हें सिंचाई, निराई-गुणाई और अन्य कामों के लिए अधिक पैसा खर्च करना पड़ता है और जब फसल तैयार होती है तो भी सिलाई और धुलाई के लिए भी राशि की आवश्यकता होती है। ऐसे में देखें तो एक सीजन के दौरान फसल उगाने के लिए किसानों को ज्यादा रकम खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
इसी बीच, अगर आघात-बारिश या तूफान से फसल खराब होती है या प्राकृतिक आपदा से हानि होती है तो किसानों पर कर्ज का बोझ पड़ सकता है। इसी नुकसान को कम करने के लिए सरकार ने फसल बीमा योजना (Fasal Bima Yojana) की शुरुआत की है। इसके तहत सरकार किसानों को आर्थिक सहायता देती है। फसल बीमा योजना में अगर बीमा दखल दे रहे हैं तो आप इसका लाभ उठा सकते हैं। अभी रब्बी का बीमा खाता जा रहा है और 31 दिसंबर तक इस योजना में पंजीकरण पंजीकरण होगा।
कब लाभ होगा
अगर आपकी नाराजगी को बारिश, बाढ़, तूफान-तुफान के कारण नुकसान पहुंचता है तो आपको इसकी जानकारी 72 घंटे के अंदर होगी। यह जानकारी आप कृषि विभाग को टोल फ्री नंबर, ईमेल, कृषि कार्यालय और अन्य माध्यमों से दे सकते हैं। खरीफ, रबी एवं वाणिज्यिक या साझेदारी के लिए प्रीमियम क्रमशः 2, 1.5 और 5 प्रतिशत तय किए गए हैं।
किसानों को लाभ मिलता है
इस योजना के तहत खेती करने वाले सभी किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ दिया जाता है। सहबद्ध बैंक या किसान क्रेडिट कार्ड ऋण लेने वाले किसानों की ऑटोमेटिक बीमा हो जाती है। इस योजना के तहत उन किसानों को भी लाभ दिया जाता है, जिनका क्रेडिट कार्ड बना हुआ है और उनके सहयोगियों का ऋण नहीं है।
किस्से में दिया जाता है बीमा
- कम बारिश और बुवाई के प्रतिकुल मौसम में नहीं होने के कारण इसका लाभ मिलता है।
- खट्टी फसल के दौरान बारिश, बाढ़ और प्राकृतिक दोष से प्रभावित होने से निराश के नुकसान पर
- खलिहान या खेत में रखी फसल को चक्रीय, चक्रवृष्टि, असामायिक वर्षा, ओलावृष्टि से प्रभावित होने पर दाद दिया जाता है।






















