COVID-19 के बाद से लोगों का प्रकोप बीमा उत्पादों की ओर बढ़ा है और वे इसकी अहमियत को समझने लगे हैं। तौर पर तीवन बीमा की खास बात तो कोरोना के दूसरे वेव में लाखों सब कुछ वित्तीय स्थिति काफी कमजोर हो गई थी और इसकी वजह से कमाउ व्याक्ति की मौत हो गई थी। इन अप्रत्याशित विपत्तियों को देखते हुए अब टर्म इंश्योरेंस और दूसरी जीवनी पॉलिसियों को लेकर आम जनता भी सचेत हो गई है। कोरोना के बाद जीवन बीमा कारोबार की स्थिति, नई नीतियां और किस तरह के जीवन इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स को लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं, इन विषयों पर इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस के डिप्टी सीईओ ऋषभ गांधी विस्तार से बातचीत की। इस बीच के ऑफर के अंश पढ़ें-
COVID-19 का लाइफ इंश्योरेंस बिजनेस पर किस तरह का असर देखा गया? सुरक्षा क्षेत्र किस दिशा में आगे बढ़ रहा है?
COVID-19 का इंडिकेशन पर गैर-कार्य देखने को मिला। क्लेम में इजाफे की वजह से सुनिश्चित कंपनी के अकाउंट अकाउंट पर असर देखने को मिला है। हालांकि, अच्छी बात ये है कि ऐसा मिहि समय के लिए ही देखने को मिला। अच्छी बात यह है कि इंडस्ट्री पॉजिटिव ग्रुप को देखने लगी थी क्योंकि जोखिम को लेकर अधिक जागरूकता से जिम्मेदारी के नए रास्ते खुल गए। लोग सोच-समझकर खर्च करने लगे और इससे मछली पकड़ने में बढ़ोतरी हुई। ‘फेल फास्ट, लर्न फास्ट’ की प्रवृत्ति से हमने ऐसे नए संस्करण जारी किए, जिन्होंने कोविड-19 से जुड़ी हिस्सेदारी से निपटने के लिए डिजिटलीकरण का सहयोग लिया।
आज के समय में डिजिटल से इनोवेटिव उत्पाद और विभिन्न प्रकार के वितरण मॉडल का विकास हो रहा है। अब हम हर ग्राहक वर्ग के लिए बहुत अधिक व्यक्तिगत रूप से जोड़े जा सकते हैं। प्रधानमंत्री जीवन बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) जैसी योजनाओं से गैर-शहरी क्षेत्रों में भी प्रवेश बढ़ाने में मदद मिली है।
अगर सभी चीजों को ध्यान में रखा जाए तो ऐसा कहा जा सकता है कि COVID-19 से इंडस्ट्री को बड़ा आकार लेने और बेहतर बनने में मदद मिली है। साथ ही इनोवेशन की तरफ सबसे ज्यादा चढ़कर देखने को मिलता है।
लाइफ फर्म किस तरह के इनोवेशन पर काम कर रही है?
भारत की आर्थिक प्रगति और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से देश में प्रमाणन की प्रमाणीकरण किया जाता है। लाइफ फर्म अवसरवादी और नई पीढ़ी के टेक इनोवेशन के साथ बाजार में तेजी विस्तार की तैयारी कर रहे हैं। मैं इन तीन विवरणों की ओर देख रहा हूं:
- पीपुल (लोग): मोबाइल एवं वीडियो साक्षात्कार के माध्यम से पूरी भर्ती प्रक्रिया का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। आपस में जुड़े हुए व्याकरण के व्यवहार संबंधी पहलुओं को समझते हैं। यह ना सिर्फ विविधतापूर्ण बल्कि बेहतरीन प्रतिभाओं को आकर्षित करने में मदद मिल रही है। साथ ही इसकी वजह से पूरी भर्ती प्रक्रिया में गति आई है और यह अधिक प्रभावी हो गई है।
- उत्पाद (उत्पाद): डिजिटलीकरण से अनुकूलन संभव है। इससे उपयोग पर आधारित, ऑन-डिमांड कवर तैयार करने में मदद मिलती है, जो ग्राहकों के साधारण जीवन शैली के अनुरूप होंगे। कवरेज रिजर्व में फ्लेक्सिबिलिटी के साथ माइक्रो बीमा, बाइट-साइज्ड, स्विच ऑन-स्विच ऑफ और इसी प्रकार के कुछ अन्य बीमा प्रोडक्ट्स के विकल्प मिल जाते हैं। इस तरह ग्राहक जो चाहते हैं, उन्हें वो मिल जाता है।
- भूतकाल: ग्राहकों का बहुत अधिक डेटा होने की वजह से वर्कर (AI) या मशीन लीनिंग (ML) के जरिए अंडरराइटिंग संभव हो जाता है। तीसरी पार्टी इंटिग्रेशन से कंपनियां जीरो डॉक्यूमेंट टैटू की ओर स्विच कर रही हैं। हम देख रहे हैं कि बेहतर अनुभव, क्लेम की संभावना, ग्राहकों को जोड़ने और सेवा के लिए वर्क्स और स्मार्ट ऑटोमेशन के उपयोग पर अधिक जोर दिया जा रहा है। इंडस्ट्री में इसे लेकर पहले ही सकारात्मक चीजें देखने को मिल रही हैं।
इंडियाफर्स्ट जीवन के अनुभव के अनुसार आज के समय में ग्राहक किन प्रोडक्ट्स को सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं – टर्म/यूलिप/पेंशन/ट्रेडिशनल प्रोडक्ट्स?
ग्राहकों की जरूरत है और उसके लिए पहले उत्पादों के रूप में वित्तीय संपत्तियों के आधार पर मौजूद हैं। ऐसे में आपके बंधन, बच्चों की शिक्षा, मृत्यु के बाद परिजनों की लंबी अवधि की वित्तीय सुरक्षा के लिए यदि वित्तीय निधि उपलब्ध है लेकिन परिवार के किसी सदस्य की शादी के लिए धन मौजूद नहीं है तो आप ऐसे उत्पाद चुनें जो इस लक्ष्य को पूरा करें में हो सकता है। उत्पादों का चुनावी माहौल पर नहीं बल्कि खूबसूरती पर आधारित होता है। ये जरूरतें लगभग हर व्यक्ति की होती हैं लेकिन माहौल से जुड़े कुछ जड़ता की वजह से कुछ जरूरतें ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती हैं। कोविड के दौरान, जीवन से जुड़े भय और परिवार के लिए वित्तीय सुरक्षा की आवश्यकता की वजह से लोगों ने कामना की। मौजूदा माहौल में टर्म इंश्योरेंस (सावधि बीमा) को अधिक महत्व मिलेगा। मौजूदा धारणा ये है कि ब्याज में एक छोटी सी कम से मध्यम अवधि तक ही रहेगी और ऐसी लंबी अवधि का एसेक्स रिटर्न प्रोडक्ट खरीद एक अच्छा निवेश साबित हो सकता है।
आम धारणा यह है कि प्रमाणन उत्पाद इसलिए खरीदे जा सकते हैं क्योंकि जीवन से जुड़ा हुआ है लेकिन इंडियाफर्स्ट लाइफ में हमने अपने कंज्यूमर्स को इससे अलग एक धारणा दी है। हमारा मानना है कि ज्यादातर भारतीय शादी करते हैं, बच्चे करते हैं, उन्हें शिक्षित बनाते हैं, धोखे में रहते हैं और सबसे सटीक में हम सभी की मृत्यु हो जाती है। इसका मतलब यह है कि जीवन में कुछ चीजें निश्चित होती हैं, वे योजना बनाते हैं। हम सभी लोगों के लिए तस्वीरों का विश्लेषण करना जरूरी होता है और उस गैप को भरने के लिए प्रोडक्ट्स खरीदे जाते हैं।

(ऋषभ गांधी, डिप्टी सीईओ, इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस)
जीवन बीमा ख़रीद की योजना एक समय के लिए एक बीमा पॉलिसी को किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
जीवन बीमा जोखिम को बहुत हद तक कम करने का एक अहम उपकरण है, ऐसे में जीवन की लंबी अवधि की निगाहों पर पहली दृष्टि हासिल करने की जरूरत है (पहले के सवाल में जीवन की निश्चितता को लेकर जो कहा गया है) जिसके लिए वित्तीय सुरक्षा की आवश्यकता होती है। अपना अनुसंधान देखें और आपकी तस्वीरों को सबसे अच्छे तरीके से पूरा करने वाले उत्पादों को लेने से पहले अपना बैंकर या फिर जीवन बीमा एडवाइज़र से संपर्क करें। एक सामान्य नियम यह है कि कवरेज आपकी वर्ष की आय की 10 साल की राशि की होनी चाहिए। जीवन बीमा के बाद लेने का निर्णय बहुत महंगा पड़ सकता है। आप जितनी जल्दी जीवन बीमा खरीदते हैं, आपकी मानसिक शांति के लिए यह उतना ही अच्छा होता है। इसके साथ ही आपको कम प्रीमियम भी देना है।
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