पाकिस्तान में भ्रष्टाचार: पाकिस्तान में आर्थिक बदहाली से अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है। उसकी पहली डॉलर की तुलना में रोज गिर रही है। वहीं, आम लोगों को खाने के लिए ले जाते हैं। पाकिस्तानी हुक्मरान बड़े-बड़े देश से आर्थिक पैकेज की मांग कर रहे हैं। बहुत से लोगों को पाक के बिगड़ते हालात की वजह नहीं समझ आ रही है। ऐसे में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल (Transparency International) की रिपोर्ट से इस वजह को समझा जा सकता है।
भ्रष्टताचार में पाक है आगे, इसलिए बदहाली भी ज्यादा
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में उन 10 देशों को शामिल किया गया है जो भ्रष्ट धारणा सूचकांक (सीपीआई) में सबसे कम लोग आए हैं। इस रिपोर्ट में साल 2022 की रैंकिंग में पाकिस्तान को सबसे कम रैंकिंग मिली है। इससे पहले ऐसी खराब रैंकिंग 2012 में मिली थी। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान भी दुनिया के सबसे भ्रष्ट राष्ट्रों में से एक है, जो भ्रष्ट धारणा सूचकांक में सुधार करने में विफल रहता है।
लगातार बिगड़ रही पाक की ये रैंकिंग
बता दें कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की तरफ से हर साल भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (करप्शन परसेप्शन इंडेक्स) जारी किया जाता है। इस सूचकांक को संस्था की तरफ से सार्वजनिक क्षेत्र में मौजूद भ्रष्टाचार के स्तरों को समझने के बाद तैयार किया जाता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की स्थिति बेहद खराब है। इसे 2018 में 180 में से 117 रैंक मिली थी, जो पिछले सालों में गिरती चली गई थी। 2021 में पाकिस्तान 140वें स्थान पर आया। उसके बाद साल 2022 में भी पाकिस्तान को समान रैंकिंग दी गई।
भारत की स्थिति पाक से काफी बेहतर है
अगर इस मामले में पाकिस्तान की भारत से तुलना की जाए तो हम उससे काफी बेहतर हैं। भ्रष्ट धारणा सूचकांक (सीपीआई) में भारत और बंगलादेश को जगह: 85वीं और 147वीं रैकिंग मिली है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ताजा रिपोर्ट में पाकिस्तान का सीपीआई स्कोर 27 पॉइंट तक गया है, जबकि उससे पहले यह 28 था। इसके साथ ही पाकिस्तान उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जहां पर भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है।