सऊदी अरब ईरान संबंध: दुनिया के दो बड़े इस्लामिक मुल्क ईरान और सऊदी अरब अपने रिश्तों की दुश्मनी को बांधकर अब अपने राजयनिक संबंधों को बहाल कर रहे हैं। इन दोनों देशों के प्रतिनिधियों की चीन में बैठक हुई थी, जहां सऊदी अरब-एरान एक दूजे के यहां पहुंचने पर सहमति जता रहे थे। इस बैठक के ठीक एक हफ्ते बाद सऊदी अरब के राजा सलमान अब्दुल अजीज अल सऊद ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी को रियाद आने का न्यौता दिया है।
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के राजनीतिक मामलों के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ मुहम्मद जमशीदी ने ट्वीट कर इस घटना की पुष्टि की और कहा कि सऊदी अरब के राजा ने एक पत्र के माध्यम से राष्ट्रपति को निमंत्रण भेजा है। चीन के सीजीटीएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जमशेदी ने कहा कि सऊदी अरब के किंग ने अपने पत्र में कहा है कि उन्होंने निवेश के नियमों के सामान्यीकरण पर भाईचारे वाले मुल्कों के बीच क्रेडेंशियल समझौते का स्वागत किया है। अब सऊदी अरब के राजा चाहते हैं कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी को रियाद की यात्रा पर कम।
दो महीने के अंदर दूतावास फिर से खोलेंगे
राजनयिक संबंध बहाल करने पर सहमति बनने के बाद दोनों मुल्कों के बड़े नेताओं की ओर से रियाद और तेहरान के बीच आर्थिक और क्षेत्रीय सहयोग का आह्वान किया जा रहा है। एक ईरानी अधिकारी ने इस बारे में कहा कि रायसी ने सुदी किंग के निमंत्रण का स्वागत किया है और सहयोग बढ़ाने के लिए ईरान की तत्परता पर जोर दिया है। साथ ही, इन दोनों इस्लामिक मुल्कों ने यह भी घोषणा की कि वे दो महीने के भीतर अपना दूतावास फिर से खोलेंगे और व्यापार और सुरक्षा पुनर्भरण को फिर से स्थापित करेंगे।
2016 में ब्रेक के लिए हुए थे राजनयिक संबंध
बता दें कि सऊदी अरब और ईरान के राजनिक संबंध 2016 में टूट गए थे। दरअसल, सऊदी अरब के एक प्रमुख मुस्लिम धर्म गुरु शेख निम्र अल-निम्र को तब मार डाला गया था, इस आतंकवाद से जुड़े मामले का दोषी करार दिया गया था। इससे ईरान के लोग भड़क गए थे और शिया धर्म के मुस्लिम गुरु के मारे जाने के खफाअन उन्होंने तेहरान स्थित सौदी दूतावास पर धावा बोल दिया था। यहां यह भी बताता है कि ईरान शिया बहुल मुल्क है, वहीं सऊदी अरब बहुल देश है।
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