जापान: जापान में एक बार फिर परमाणु ‘खतरा’ मंडराने लगा है। दरअसल, सोमवार को एक बिजली कंपनी का फर्जी अलर्ट अलर्ट के बाद बंद हो गया। इसके बाद हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार कंसाई इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के ताकाहामा कंपन संयंत्र में अचानक न्यूट्रॉन की संख्या में बड़ी गिरावट देखने को मिली। इसके बाद सिस्टम अलर्ट करते हुए संदिग्ध तरीके से बंद हो गया।
जानकारी के मुताबिक, लगगर पावर प्लांट से किसी भी तरह के रेडिएशन के सबूत नहीं मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की बंटवारा तो ये महत्वाकांक्षी पावर प्लांट जापान के सेंट्रल फुकुई एरिया में स्थित है, जहां महत्वाकांक्षी अलर्ट के बाद बंद होने की जांच चल रही है।
कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार, नंबर 4 कवरेज दोपहर 3.21 बजे बंद कर दिया गया। साथ ही कंपनी ने बताया है कि किसी भी तरह के प्रदूषण का चिन्ह नहीं मिला है। क्लैको रेस्क्यूएशन के अनुसार कूलिंग फैंटेसी सामान्य है। सर्टिफिकेट के अनुसार चार न्यूट्रॉन डिटेक्टर में से दो में लगातार देखने को मिला है, लेकिन अभी तक वास्तविक कारण का पता नहीं चल पाया है। इस मामले की ग्रेब्रिटीज से अनुरक्षण चल रहा है।
पहले भी ऐसा हो चुका है
कंसाई इलेक्ट्रिक ने जानकारी दी है कि इससे पहले 1988 में ऐसी ही घटना हुई थी। जब अलमार के बाद इसी शटरिंग यूनिट नंबर 3 को बंद कर दिया गया था। कुई प्रीफेक्चर फुल सरकार ने कहा कि न्यूट्रॉन डिटेक्टर या कंट्रोल रॉड के गिरने से इस तरह की समस्या होती है। दृष्टिकोण में मौजूद इलेक्ट्रान चेन रिएक्शन का नियंत्रण करते हैं और न्यूट्रॉन सिक्सोन बन जाते हैं।
यह निर्धारित किया गया है कि वर्तामन समय में जापान में कुल 33 आरोप हैं, लेकिन मार्च 2011 में आई सिनिस्टर सुनामी के बाद फुकुशिमा एगर बिजली संयंत्र में खराबी के कारण एक दशक से भी कम समय में एक तिहाई से भी कम काम कर रहे हैं।
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