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छवि स्रोत, अभिषेक चिनप्पा/गेटी
चीन और पाकिस्तान की ओर से ख़तरे को देखते हुए भारत ने अपनी सेना को आधुनिक बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
आज में 24 दिसंबर को छपी खबर के अनुसार, सेना को आधुनिक बनाने की ”अब ग्रहण करने योग्य” है।
भारतीय सेना दुनिया की सबसे बड़ी सेना में से एक है। भारतीय सेना में 14 लाख सैनिक हैं।
26 जनवरी को एबीपी न्यूज ने रिपोर्ट की है कि भारत अपनी सेना को आधुनिक बनाने की दिशा में ज़ोर लगा रहा है।
भारत के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने हाल ही में कहा कि भारत लगातार सैन्य बलों को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।
हाल के दिनों में जब चीन और पाकिस्तान से तनाव बढ़ने की खबरें आई थीं, तब सेना को आधुनिक बनाना एक जरूरी कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
रक्षा मामलों के विशेषज्ञ संजीब कुमार बरुआ ने 22 जनवरी को द वीक में स्प्रे करें एक लेख में कहा गया है, ”भारतीय सेना के आधुनिकीकरण की आवश्यकता की सबसे बड़ी वजह चीन की जन मुक्ति सेना है।”
छवि स्रोत, राजनाथ सिंह / एस.एम
इसी के चलते सरकार ने कई रक्षा परियोजनाओं की शुरुआत की है। इनमें से कुछ के नाम कुछ यूं हैं:
- P75I पनडुब्बी
- पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स के लिए एडवांस माध्यम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट
- तेजस एमके 2 मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट
- लाइट टैंक ज़ोरावर
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नौसेना की क्या तैयारी?
भारतीय वायु सेना ने भी रफाल लड़ाकू रूप को हासिल कर लिया है। इसके साथ ही सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का ट्रायल और लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर प्रचंड को भी शामिल किया गया।
नौसेना को भी आधुनिक बनाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।
23 जनवरी को फर्स्टपोस्ट वेबसाइट में छपी खबर के अनुसार, 7516 किलोमीटर की तटीय रेखा के साथ भारतीय नौसेना देश की सुरक्षा में अहम भूमिका है।
इसी के तहत कई युद्धपोत नौसेना में शामिल हुए हैं। इनमें भारत में बना जंगी जहाज आईएनएस विक्रांत और आईएनएस ‘वागीर’ जैसी पनडुब्बी शामिल हैं।
25 जनवरी को द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, ये फ़ैसले ऐसे सवालों में लिए जा रहे हैं, जब समंदर में पाकिस्तान और चीन की बात तेज हुई है।
रक्षा मंत्री सिंह सिंह ने हाल ही में आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रही ताकतों शाकाहारी और नई तकनीक, सुझावों की ओर ध्यान देना था।
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अनुरेखण सिंह
आत्मनिर्भरता भारत
फर्स्टपोस्ट के अनुसार, आत्मनिर्भर भारत पर ज़ोर देते हुए सरकार की कोशिश ये है कि सेना के लिए ज़रूरी सामान, हथियार, उपकरण भारत में ही बने।
सेना प्रमुख मनोज पांडेय ने 16 जनवरी को कहा था कि आत्मनिर्भर बने रहें आधुनिकीकरण हमारा नया मंत्र होगा।
इसका झलक 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में भी मिला, जिसमें सेना के हाई-टेक और भारत में बने सैन्य उपकरणों को दिखाया गया।
सेना अब थिएटर और स्ट्रक्चर पर ज़ोर दे रही है ताकि क्रिमिनल का बेहतर इस्तेमाल हो सके।
एकीकृत थिएटर कमांड एक एकीकृत कमांड है जिसके तहत डैमोक्रेटिक ग्रेविटास के आधार पर सेना, नौसेना और वायु सेना के सभी संसाधनों को बेहतर अम्लता के साथ उपयोग किया जा सकता है। इसके अधीन सेना के सभी अंग एक-दूसरे के संसाधनों की आवश्यकता के अनुसार उपयोग कर सकते हैं।
पिछले कई सालों से भारत में एकीकृत कमांड बनाने की बात चल रही थी पर इसकी गति तब मिली जब जनवरी 2020 में जनरल बिपिन रावत को सीडीएस नियुक्त किया गया।
21 नवंबर को हिंदुस्तान टाइम्स ने प्रतिवेदित किया कि चीन ने पहले ही थिएटर कमांडर पर काम शुरू कर दिया था और अब वो पाकिस्तान की भी मदद कर रहा है।
भारत में सेना की एकीकृत कमांड का विचार नया नहीं है। वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के बाद इसकी सिफ़ारिश की गई थी।
वैज्ञानिक सहयोगी लेफ्टिनेंट जनरल प्रदीप बाली ने कहा, ”भारत के लिए चिंता का विषय चीन है और चीन ही रहेगा क्योंकि हिमालय में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद छिड़ गया है।”
एयर मार्शल अनिल चोपड़ा ने कहा था, ”तीन सेना के आधुनिकीकरण को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है।”
सीएनबीसी टीवी-18 के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मल समूह ने 2023-24 के लिए पेश किए गए बजट में रक्षा क्षेत्र के बजट में 12 फीसदी की वृद्धि की है।
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