पाकिस्तान का तेल उद्योग ढहने के लिए: पाकिस्तान के तेल उद्योग ने चेतावनी दी है कि तेल उद्योग पूरी तरह से पर्दा उठाने की कगार पर पहुंच गया है। प्राधिकरण का कहना है कि डॉलर न होने की वजह से और रुपये की लगातार गिरती प्रमाणपत्र ने उद्योग पर संकट पैदा कर दिया है। बंधक की नियत तो बस उसी दिन बचे हैं और पाकिस्तान का तेल उद्योग पूरी तरह से आपस में मिल जाएगा।
वहीं, अब देश को अंतरराष्टीकरणकोष (IMF) से मिलने वाली मदद का इंतजार कर रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि यह मदद पाकिस्तान को जल्दी मिलने वाली नहीं है। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने डॉलर की सीमा को हटा दिया है। इसके परिणामस्वरूप इंटरबैंक बाजार में पहले स्थान पर 276.58 रुपये के ऐतिहासिक निचले स्तर तक गिर गया।
स्थानीय रुपये के गिरने से अरबों का नुकसान
तेल और गैस प्राधिकरण (OGRA) और ऊर्जा मंत्रालय को लिखे एक पत्र में तेल कंपनी सलाहकार परिषद (OCAC) ने कहा कि स्थानीय रुपये के अचानक गिरने से उद्योग को अरबों रुपये का नुकसान हुआ है। इसी के साथ घटते विदेशी मुद्रा विक्रेता के कारण सरकार ने LC (लेटर्स ऑफ क्रेडिट) को भी प्रतिबंधित कर दिया है।
एनर्जी इम्पोर्ट करता है पाकिस्तान
पाकिस्तान इस समय भुगतान संतुलन संकट का सामना कर रहा है और रुपये की गिरती कीमत अलग-अलग निशानों को बढ़ा रही है। ऊर्जा में पाकिस्तान के आयात बिल का एक बड़ा हिस्सा शामिल है। पाकिस्तान आम तौर पर प्राकृतिक गैस (प्राकृतिक गैस) का उपयोग करके अपनी वार्षिक बिजली की मांग का एक तिहाई से अधिक पूरा करता है, जिसकी सेल यूक्रेन पर रूस के आक्रमण (रूस यूक्रेन युद्ध) के बाद लगातार दी जाती है।
ये भी पढ़ें- रेलवे सुधार: रेलवे जल्द ही हेरिटेज रूट पर चलेंगे 35 मतदाता ट्रेन, राज्यसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आलान