<पी शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"बजट 2023: वित्त मंत्री निर्मल सितारामन ने एक फरवरी 2023 को पेश किए बजट में वित्तीय बीमा कंपनियों से होने वाले आय पर टैक्स फिक्स का एलान किया है जिसे लेकर बीमा सेक्टर में बेचैनी है। मंगलवार 7 फरवरी 2023 को बीमा सेक्टर के अधिकारियों ने सीआईआई के नेतृत्व में वित्त मंत्री से मुलाकात कर इस बजट प्रस्ताव में रायत देने की मांग की है।
लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर ने वित्त मंत्री से मांग की है 5 लाख रुपये के बजाय 10 लाख रुपये प्रीमियम प्रीमियम वाले हाई फॉर्मैट इंश्योरेंस पॉलिसी से होने वाले आय पर टैक्स वसूला जाना चाहिए। बीमा सेक्टर के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री से ऐसी बीमा पॉलिसी के होने वाले लाभ पर डेट म्यूचुअल फंडों के समान टैक्स टैक्स जाने की अपील की है।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने एक अप्रैल 2023 से 5 लाख रुपये से ज्यादा सालाना प्रीमियम वाले बीमा से होने वाले आयकर लगाने की घोषणा की थी। इसमें यूनिट लिंक्ड इश्योरेंस प्लान (ULIP) शामिल नहीं हैं। वित्त मंत्री ने कहा था कि एक अप्रैल या बाद में जारी की गई बीमा पॉलिसियों (यूलिप को छोड़) के लिए कुल प्रीमियम अगर 5 लाख रुपये से अधिक है, तो केवल उन पॉलिसियों, वास्तविक प्रीमियम 5 लाख रुपये तक है, होने वाली आय पर ही छूट देने का प्रावधान करने का प्रस्ताव दिया जाता है।
बीमित व्यक्ति की मौत के समय मिलने वाली राशि पर टैक्स छूट दी गई है, इसका कोई असर नहीं होगा। यानि कि मृत्यु पर मिलने वाली राशि पूरी तरह से टैक्स-फ्री रहती है। इसी के साथ, 31 मार्च 2023 तक जारी बीमा पॉलिसियों पर भी इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा। बजट प्रस्ताव के अनुसार, एक अप्रैल 2023 के बाद यूलिप को छोड़कर आशु की गई, उन सभी जीवन बीमा पॉलिसियों की मैच्योरिटी की रकम पर अब टेक्स लगेगा, प्रामाणिकता प्रीमियम पांच लाख रुपये से ज्यादा है।
बजट में किए गए इस घोषणा का असर शेयर बाजार में देखने को मिला था और लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़े शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। बजट के बाद, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस का शेयर 10 फीसदी तक गिर गए थे। बीमा प्राधिकरण का मानना है कि इस फैसले से देनदारी देनदारी की टॉपलाइन और मार्जिन पर असर पड़ेगा।
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