तुर्की भूकंप: तुर्किए (तुर्की) और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत सरकार के ‘ऑपरेशन मित्र’ के तहत एनडी रैंकिंग और भारतीय सेना की टीमें राहत-बचाव कार्य में युद्ध स्तर पर जुटी हैं। वहीं, भूकंप की निस्स्वार्थ सेवा के लिए दुनिया भर में भारतीय सेना के 60 पैरा फील्ड अस्पताल (60 पैरा फाइल्ड हॉस्पिटल) की भारी भरकम हो रही है।
यह पहली बार नहीं है जब 60 पैरा मेडिकल यूनिट के दिशानिर्देश में आई है। मरून रंग की वर्दी वाले देवदूत कहलाने ये 60 पैराशूट फील्ड एंबुलेंस यूनिट 1950 से 1954 के बीच दो लाख से ज्यादा लोगों का इलाज कर नोटिस में छा गई थी। कोरियाई युद्ध के समय भी भारत की इस मेडिकल यूनिट ने मानवता के महत्व पर बढ़ती करुणा के साथ सेवा को अपना ध्येय बनाया है।
कोरियाई युद्ध में दो लाख से ज्यादा लोगों का इलाज
1950 से 1953 के बीच कोरियाई युद्ध के दौरान भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रमुखों का समर्थन किया था। इसके तहत भारत ने सेना की एक मेडिकल यूनिट 60 पैरा फील्ड अस्पताल को फिर से शुरू किया। इसका कमांड लेफ्टिनेंट कर्नल एजी रंगराज के पास था। यूनिट ने दोबारा के दौरान 2 लाख से ज्यादा लोगों का इलाज किया था।
20 चौक, 1950 को 60 पैरा फील्ड एंबुलेंस की इकाई पुसान में उतरी। 29, 1950 कोरियाई युद्ध में इसकी पहली बार प्योंगयांग में फिर से शुरुआत हुई।
उस दौरान यह दो सब यूनिट में जुड़ा हुआ था। पहला पहला ‘फॉरवर्ड एलिमेंट’, जिसे 27 ब्रिटिश ब्रिगेड के साथ ग्रुप में रखा गया था और दूसरा ‘एडमिनिस्ट्रेटिव एलीमेंट’, जिसके ऊपर डेगू में कोरियन आर्मी हॉस्पिटल में सहायता करने और नागरिकों का इलाज करने का जिम्मा लिया गया।
बिग एयरलिफ्ट मिशन में हिस्सा लिया
फॉरवर्ड एलिमेंट ने 23 से 31 मार्च के दौरान मुनसन क्षेत्र में अमेरिकी सेना के साथ एक प्रमुख एयरलिफ्ट मिशन ‘ऑपरेशन टॉमहॉक’ का हिस्सा लिया था। इसमें यूएस आर्मी की 3 डिवीजन के साथ ये अभियान चलाया गया था। 22 अप्रैल, 1953 को ग्रुप पर 60वीं पैरा फील्ड हॉस्पिटल यूनिट को दुश्मन के बड़े हमलों का सामना करना पड़ा।
1 जुलाई 1951 को कॉमनवेल्थ डिवीजन का गठन किया गया जिसके बाद यूनिट 28 ब्रिटिश ब्रिगेड की कमान संभाली गई। इसने 23 अगस्त 1953 तक “ऑपरेशन कमांडो और ऑपरेशन किलर” नामक कई ऑपरेशनों में भाग लिया। यूनिट में 627 युवा शामिल थे। दोबारा के दौरान 3 सील्स की मौत हुई थी जबकि 23 घायल हुए थे। कोरियाई युद्ध के दौरान 60 पैरा फील्ड हॉस्पिटल यूनिट ने आम नागरिकों सहित 2,22,324 लोगों का इलाज किया था।
भारत वापस आने पर विशेष सम्मान
यूनिट के काम की दुनिया भर में उम्मीदें हुई हैं। अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई सेना के प्रमुखों ने राष्ट्रमंडल डिवीजन से भी प्रशस्ति पत्र मिला है।
भारत लौटकर 60 पैरा फील्ड अस्पताल यूनिट को विशेष सम्मान मिला। राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 10 मार्च, 1955 को आगरा में राष्ट्रपति ट्रॉफी से सम्मानित किया। यह अपनी तरह का पहला और एकमात्र एकमात्र अवार्ड है। यूनिट को 25 मेंशन-इन-डिस्पैच से भी सम्मानित किया गया।
कर्नल रंगराज को महावीर चक्र
ऑपरेशन टॉमहॉक में शानदार नेतृत्व करने वाले कर्नल यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर रंगराज को महावीर चक्र दिया गया। सेना में बहादुरी के लिए दिया जाने वाला ये अवार्ड परमवीर चक्र के बाद दूसरे नंबर पर आता है।
शानदार परंपरा को आगे बढ़ाते हुए भारतीय सेना की ये मेडिकल यूनिट अब तुर्किए में पहुंच गई है। तुर्किए में भूकंप से भारी तबाही मची है। भारत ने भूकंप से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए ‘ऑपरेशन दोस्तों’ के तहत राहत सामग्री के साथ सेना और एंडी की इकाई को भी चिंता है। इसके तहत तुर्किए के हाते में सेना के फील्ड अस्पताल ने गुरुवार (9 फरवरी) को काम करना शुरू कर दिया।
यह भी पढ़ें
तुर्किए-सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 29 हजार पार, UN बोला- 50,000 मौत का अनुमान