चीन ने परमाणु हथियार बढ़ाए: दुनिया में सबसे बड़ा डेटा रखने वाला देश चीन (चीन) में अपने परमाणु मानकों (परमाणु हथियारों) की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। आने वाले 10-12 सालों में उसके परमाणु अवरोधों का झटका तीन गुना बढ़ सकता है। फॉरेन जानकारों की एक रिपोर्ट ने यह दावा किया है।
जापान की क्योडो न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और ताइवान के बीच लगातार खराब होते संबंधों के बीच चीन की परमाणु ताकतें बढ़ती जा रही हैं। इसके लिए चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने एक ब्लू प्रिंट तैयार किया था, जिसे वहां के राष्ट्रपति शीपिंग ने अप्रूव कर दिया है। ब्लू प्रिंट में साल 2035 तक की योजना है। बताया जा रहा है कि साल 2035 तक चीन में अपने परमाणु प्रदूषण की संख्या में 900 कर वृद्धि हुई है।
2027 तक चीन के पास 550 परमाणु हथियार हो सकते हैं
फॉरेन जानकारों के बारे में क्योडो न्यूज रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन परमाणु पहल की अपनी ‘नो फर्स्ट यूज’ की पॉलिसी को भी छोड़ सकते हैं। बता दें कि भारत की तरह अभी चीन ने भी ‘नो फर्स्ट यूज’ की पॉलिसी घोषित कर रखी है, इस पॉलिसी के मुताबिक भारत और चीन ऐसे देश हैं जो किसी से युद्ध होने पर पहले परमाणु हमला नहीं करेंगे। मगर, कई जानकारों का कहना है कि जिस तरह से चीन अमेरिका के तेवरों का सामना कर रहा है, वह खफा होकर चीन ‘नो फर्स्ट यूज’ की पॉलिसी को भी छोड़ सकता है। इसका मतलब यह होगा कि चीन युद्ध की स्थिति में किसी भी देश पर पहले परमाणु हमला कर देगा। एक्सपार्ट्स के मुताबिक, 2027 तक चीन के पास 550 परमाणु हथियार होंगे।
रूस को देखकर चीनियों ने परमाणु देरी पर जोर दिया
आरोपित हो कि पिछले साल नवंबर के महीने में चीन के शीर्ष अधिकारियों ने अधिक घातक परमाणु खतरे की आवश्यकता बताई थी। उनका कहना था कि यूक्रेन जंग के बीच रूस की परमाणु ताकतों ने ही नाटो देशों पर हमला करके रोक दिया है। चूंकि, रूस वो देश है जिसके पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं। इसलिए, अमेरिका भी रूस पर हमले के बारे में नहीं सोचता। वहीं, अमेरिका का पहला चीन से जंग हो चुका है, दोनों कोरियाई प्रायद्वीप में आमना-सामना हुआ था।
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