पाकिस्तान भारत संबंध: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी बिगड़ गई है। देश में विदेशी मुद्रा विक्रेताओं की भारी कमी है। आसमान छूती चमक (मुद्रास्फीति) से लोगों का जीना हराम हो गया है। हजारों परिवार ऐसे हैं, जिनमें दो जून की रोटी भी जुटाई जा रही है। सरकार की चीजें भी आयात नहीं कर पा रही है। इस बीच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोग पाकिस्तान से छुटकारा पाना चाहते हैं। लोग चाहते हैं कि वो भारत में शामिल हों।
पाकिस्तान के व्यवसाय वाले कश्मीर (पीओके) से बड़ी संख्या में घूमने पर उतरे लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए और भारत में शामिल होने की मांग की। जाकिमाम (जेय सिंध मुत्तहिदा महाज) के अध्यक्ष शफी बुरफत (सफी बुरफत) ने मंगलवार (14 फरवरी) को एक बार फिर कहा कि पाकिस्तान उनका मुल्क नहीं है।
‘सिंधुदेश’ बनाने की मांग करते हैं
पाकिस्तान चार प्रांतों, पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में बंट गया है। इन प्रांतों में अलग-अलग संस्कृति, भाषा और नस्लें हैं। मौजूदा ज़हर में बलूचिस्तान और सिंध को पाकिस्तान के सबसे अशांत प्रांत के रूप में जाना जाता है। इन क्षेत्रीय हिंसा और असंतोष की भावना काफी बड़ा रूप लेती जा रही है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के बीच अलग ‘सिंधुदेश’ बनाने की मांग भी तेज हो गई है।
‘हम पाकिस्तान के साथ नहीं रहना चाहते’
एक्टामम (जेय सिंध मुत्तहिदा महाज) के अध्यक्ष शफी बुरफत (सफी बुरफत) ने कहा कि पीओके वाले कहते हैं कि वो पाकिस्तान (पाकिस्तान) के साथ नहीं रहना चाहते हैं। गिलगिट बाल्टिस्तान वाले भी यही दोहराते हैं कि वे पाकिस्तान के साथ नहीं रहते हैं। हमसब का मानना है कि हम पाकिस्तान नहीं हैं। पाकिस्तान कोई हमारा मुल्क नहीं है।
PoK को पाकिस्तान से सीधे जुड़े हुए के तौर पर
उद्र, पोके (पीओके) के कार्यकर्ता डॉ। अमजद औब मिर्जा पिछले कई सालों से पाक अधिकृत कश्मीर को पाकिस्तान से आजाद की वजह दौड़ आ रहे हैं। अमजद औब पाकिस्तान सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि समय आ गया है, अब भारत को आगे आना चाहिए। वे सभी भारतीय नागरिक हैं। जम्मू-कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान के कब्जे वाले 6 लाख की आबादी वाले पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण करने का इंतजार कर रहे हैं। भारतीय सेना उनका इंतजार कर रही है।
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