दिल्ली में G20 बैठक: रूस और यूक्रेन में जंग को एक साल पूरे होने वाले हैं लेकिन दोनों में से कोई भी देश अब भी हथियार डालने को तैयार नहीं है। रूस के पास देरी की कमी नहीं है, तो वहीं यूक्रेन को अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देशों से मदद मिल रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कीव का दौरा करके, इसका संकेत भी दिया है कि लड़ाई अभी लंबी चल सकती है। इस तल्खी के बीच भारत में अगले दो सप्ताह बाद G-20 की गलत होने वाला है। इसमें अमेरिका और रूस के विदेश मंत्री भी हिस्सा लेंगे।
इस फर्जी पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। नई दिल्ली में आयोजित होने वाले G20 देशों के विदेश मंत्री की बैठक में भाग लेने के लिए टोनी ब्लिंकन और रूसी मंत्री विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को सूचना पत्र भेजे जा सकते हैं। सब कुछ ठीक रहा तो दोनों विदेश मंत्री 1-2 मार्च को होने वाली बैठक के लिए दिल्ली में होंगे। नवंबर 2022 में इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर बैठक हुई थी उसी दौरान पिछली बार ब्लिंकन और लावरोव एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। हालांकि इस दौरान दोनों के बीच न तो कोई सीधी मुलाकात हुई थी और न ही कोई बातचीत हुई थी।
भारत को यह डर है
जी20 की मेज़बानी कर रहे हैं भारत को इस बात की फ़िक्र ज़रूर है कि कहीं यूक्रेन के मुकदमों पर सवालों का बवंडर दिल्ली में होने जा रही विदेश मंत्रियों की बैठक को स्कीम से न पता करे। इस बैठक में आतंकवाद की रोकथाम को लेकर ग्लेबल कैप्चरिंग, आपदा राहत और मानव सहायता से संबंधित नए मामले शामिल हैं जिनमें कई मुद्दों पर चर्चा चल रही है। बाली में हुई जी20 शिखर बैठक के दौरान भी यूक्रेन विवाद का मेल ही छाया रहा था और किसी तरह भारत की घोषणा-पत्र का रास्ता निकला था।
मीटिंग में उठ सकते हैं यूक्रेन फाइल
इस अहम बैठक की तैयारियों से वाकिफ सूत्रों के अनुसार, वैश्विक आर्थिक कारकों से भरी मौजूदा स्थितियों में जी-20 से काफी छींटें हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि अधिक प्राथमिकता के मुद्दों पर ध्यान दिया जाए। हालांकि सूत्र मानते हैं कि जी-20 देशों के बीच कई मुद्दे पर परदे हैं। सूत्र स्पष्ट हैं कि G20 प्रक्रिया के तहत यूक्रेन युद्ध के आर्थिक प्रभावों पर चर्चा संभव है। लेकिन इस मामले के राजनीतिक समाधान के लिए G20 न तो उचित मंच है और न ही इसकी क्षमता है। ऐसे में पूर्व निर्धारत समझौते पर होने वाली बातचीत से ही व्यापक समाधान के रास्ते निकलेंगे।
राष्ट्रपति भवन में हो सकती है बैठक
बता दें कि भारत की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक के लिए जी-20 देशों के विदेश मंत्री दिल्ली पहुंचेंगे। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति भवन में इस बैठक का आयोजन किया जाएगा। इसी के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कई विदेश मंत्री आवेदनकर्ता होंगे।
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