पाकिस्तान आर्थिक संकट: आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। इंटरनेशनल मुद्रा कोष (आईएमएफ) से निराशा हाथ लगने के बाद अब मित्र देश भी चकनाचूर कर लें। इसी बीच भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपना इरादा बयान दिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि भारत पाकिस्तान की किसी भी तरह से मदद नहीं करेगा।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली के लिए खुद उन्हें जिम्मेदार बताया है। साथ ही पाकिस्तान की श्रीलंका से समानता को दायित्व बताया गया है। पाकिस्तान को सबसे ज्यादा मदद मिलने पर उन्होंने कहा कि हमारे श्रीलंका के साथ संबंध अलग-अलग हैं वहीं पाकिस्तान के साथ अलग हैं। पाकिस्तान का भविष्य काफी हद तक उसके कार्यों और विकल्पों के लिए निर्धारित है।
अपनी परेशानी का हल पाकिस्तान को खुद सहयात्री होगा
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान को अपनी परेशानी से अलग होने का हल अपने आप से मिल जाएगा। वह अपनी आर्थिक तंगी से बाहर कैसे निकलेगा, उसे अपना डाक टिकट देगा। कोई भी अचानक ऐसी स्थिति में नहीं पहुंचा। इसके लिए पड़ोसी देश खुद जिम्मेदार है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान भारत की सीमा पर आतंकवाद को हमेशा आक्षेपित करता है, जो हर रोजी-रोटी को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। ऐसे में पाकिस्तान को भारत से मदद की उम्मीद नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि मुसीबत के समय में भारत ने हमेशा अपने पड़ोसी देशों का ख्याल रखा है, हर संभव मदद की है। इसका ताजा उदहारण श्रीलंका है। जातिब है कि भारत के श्रीलंका के आर्थिक संकट में 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की गई थी। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान और श्रीलंका की कोई तुलना नहीं है। श्रीलंका के साथ भारत के संबंध बेहद अच्छे हैं। श्रीलंका के साथ अभी भी इस देश में काफी सद्भावना है।
डिफॉल्ट हो जाएगा पाकिस्तान
कथित तौर पर पाकिस्तान इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। हालात इतने बुरे हैं कि पाकिस्तान को 1.1 मिलियन डॉलर की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के हाथ-पांव जोड़ रहे हैं। लेकिन अभी तक निराशा हाथ लगी है। विशेषज्ञ विशेषज्ञ हैं कि अगर पाकिस्तान को जल्द ही आर्थिक सहायता नहीं मिली तो उसके सामने दोष होने का संकट खड़ा हो जाएगा।