ब्राजील बाढ़ और भूस्खलन: ब्राजील में बाढ़ (बाढ़) और लैंडस्लाइड (भूस्खलन) की वजह से बड़ी तबाही मची है। अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण पूर्वी ब्राजील में मूसलधार बारिश (भारी बारिश) के कारण आई बाढ़ और दबने से कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई। राहत और बचाव कार्य जारी है। अभी लापरवाही करने वाले लापता बताए जा रहे हैं। लापता लोगों की अभी तक तलाश जारी है। इस बीच कई लुटेरे राहत सामग्री लूटकर इस आपदा का आनंद उठा रहे हैं।
साओ सेबस्टियाओ सबसे गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में से एक है, जहां पड़ोस के राज्यों से सड़क संपर्क काट दिया गया है। साओ पाउलो के गवर्नर ने बताया कि अभी 38 लोगों के लापता होने की जानकारी है, जबकि 48 लोगों की मौत हो चुकी है।
ब्राजील में बाढ़ और भूस्खलन से तबाही
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, शहर के साओ पाउलो के अटलांटिक तट पर चिपकने और बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 48 हो गई है। मरने का पात्र अभी और बढ़ने की आशंका है। बाढ़ और भूस्खलन की वजह से मौत का मामला सामने आने के बाद रविवार (19 फरवरी) को सार्वजनिक आपदा की स्थिति की घोषणा की गई थी। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है।
सैकड़ों लोग अप्राप्य हैं
साओ पाउलो राज्य सरकार के अनुसार ब्राजील में बाढ़ और भूस्खलन की वजह से शहर में अब तक 1700 से अधिक लोग रॉयल्स हो गए हैं और 1800 से अधिक लोग नामांकित हो गए हैं। कई जगह सड़कें अभी भी जाम हैं। मामूली के कारण मोगी-बर्टियोगो और रियो-सैंटोस हाईवे जैसी प्रमुख सड़कें हैं। इलाके में पानी की आपूर्ति भी दिखा रहा है, जिसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है।
राहत कार्य में बाधा पहुंच रहे हैं लुटेरे
सरकारी और निजी एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। हालांकि लैंडस्लाइड की वजह से राहत कार्य में परेशानी आ रही है। बेघर लोगों को साओ सेबेस्टियाओ के स्कूलों और चर्च में आश्रय दिया गया है। करीब 7.5 टन राहत सामग्री के बीच साझा किया गया है। इसमें खाद्य पदार्थ-पानी के अलावा हाइजेनिक किट भी शामिल है। हालांकि राहत कार्य में असमाजिक तत्व बाधा पहुंचा रहे हैं। राहत सामग्री से लेकर ट्रकों तक में धमाचौकड़ी लूट रहे हैं, इससे किसी तरह की मदद से परेशानी हो रही है।
राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ने सोमवार को आपदा क्षेत्र का दौरा किया था। उन्होंने हर संभव सहायता देने का वादा किया था। साथ ही राष्ट्रपति ने निवासियों से उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में पुनर्निर्माण का आग्रह नहीं किया था।
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