रूस यूक्रेन युद्ध: रूस-यूक्रेन युद्ध को शुक्रवार (24 फरवरी) को एक साल पूरे हो गए, लेकिन अब भी दोनों देश एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं। युद्ध के दौरान दोनों देशों की जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। यूक्रेन को अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों से भरपूर सहयोग मिला। उरदीन ने रूस के साथ दिया।
यूक्रेन संकट को लेकर बुलाए गए संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के सत्र में विशेष रूप से चीन ने यूक्रेन की मदद करने वाले विदेशियों पर निशाना साधा। इसके साथ ही परमाणु युद्ध को लेकर आगाह किया। चीन ने कहा कि हथियारों से शांति नहीं मिलेगी, इस बात के सबूत युद्ध में एक साल से मिले हैं। बता दें कि कुछ ही दिनों पहले संयुक्त राज्य अमेरिका और नाटो ने रूस की सेना को बीजिंग के खिलाफ समर्थन देने की चेतावनी दी थी।
परमाणु युद्ध नहीं लड़ सकते: चीन
इस दौरान चीन ने कहा कि यूक्रेन का संकट अभी भी बढ़ रहा है। मैं इससे बहुत चिंतित हूं। सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का संबंध बनाया जाना चाहिए। परमाणु विकिरण का उपयोग नहीं किया जा सकता है, परमाणु युद्ध का मुकाबला नहीं किया जा सकता है।
चीन ने इन झूठों को खारिज किया
रूस के आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को अरबों डॉलर के हथियार से प्रभावित किया। इसी के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका और नाटो ने पिछले हफ्ते चीन पर रूस को दी गई आपूर्ति करने पर विचार करने का आरोप लगाया था और बीजिंग को इस तरह के कदम के खिलाफ चेतावनी दी थी। हालांकि चीन ने जेमेसी को खारिज किया है।
यूएन में चीन के उप राजदूत दाई बिंग ने पश्चिम देशों पर धब्बे साधते हुए कहा कि यूक्रेन को हथियार से शांति नहीं मिलेगी। यह आग में जंगल का निवेश जैसा है और इससे केवल तनाव बढ़ता है। उन्होंने कहा कि संघर्ष को लम्बाई से आम लोगों को और भी भारी कीमत चुकानी वर्णन। रूस-यूक्रेन के बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय में शांति वार्ता की शुरुआत की जाएगी। हम एक बार फिर दोहराते हैं कि दोस्ती और बातचीत से ही संकट का समाधान किया जा सकता है।
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