
छवि स्रोत, पेन स्टूडियो
फिल्म आर आर आर में अल्लुरी सितारामा राजू और कुमारम का किरदार अभिनेता राम चरण और एनटी रामा राव जूनियर ने निभाया है।
दक्षिण कोरिया के भारत स्थित दूतावास का एक वीडियो आजकल बहुत चर्चा में है।
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में दूतावास के कर्मचारी सुपरहिट तेलुगू फिल्म ‘आरआरआर’ के ग्लोडन ग्लोब अवार्ड जीत चुके गाने ‘नाटू-नाटू’ पर थिरकते दिख रहे हैं।
भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक भी दूसरे कर्मचारियों के साथ डांस करते दिख रहे हैं। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वीडियो की उम्मीद की है।
वीडियो में दक्षिण कोरियाई दूतावास के कर्मचारी कहीं जोड़ों में हैं तो कहीं पूरा समूह इस गाने के स्टेप को दोहराते हुए नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को अब तक 40 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस वीडियो की आकांक्षा की है और इसे दक्षिण कोरियाई टीम की ‘जीवंत और दिलचस्प कोशिश’ करार दिया है।
53 सेकेंड के इस वीडियो में नाटू-नाटू फिल्म की धुन पर कई लोग डांस करते नजर आ रहे हैं। कुछ महिलाएं कुर्ता और लैगिंग पहन कर नाच रही हैं तो कुछ पारंपरिक कोरियाई ड्रेस में डांस कर रही हैं। ये लोग कई काम पर डांस करते नजर आए।
डांस के लिए दक्षिण कोरियाई दूतावास के कर्मचारियों का ‘नाटू-नाटू’ गाने का चयन चौंकाने वाला नहीं था क्योंकि इस गाने को पूरी दुनिया में चुना गया है। इस बार इसे ओरिजिनल सॉन्ग्स का ग्लोडन ग्लोब अवार्ड मिला है।
ऑस्कर में ये गाना बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग के तौर पर भी नॉमिनेट हुआ था।
नाटू-नातू (नाचो-नाचो) गाने में तेलूगू फिल्मों के सुपर स्टार राम चरण और जूनियर एन चक्कर एक दूसरे के साथ ताल मिलाकर पूरी गति से डांस करते दिखते हैं।
इस डांस में ट्रेडिशनल डांस सहित बॉलीवुड डांस के स्टेप भी शामिल हैं। YouTube पर इस गाने को अब तक 12 करोड़ 20 लाख व्यूज़ मिल चुके हैं।
फिल्म आरआरआर को समीक्षकों ने बेहतरीन फिल्म माना और इस वजह से इस गाने को भी काफी इंपॉर्टेंस मिला।
फिल्म की कहानी दो क्रांतिकारियों के दूसरे चक्रों में घूमती है, जो भारत में ब्रिटिश शासन को चाहने के लिए जीते हैं।
इस फिल्म को पूरी दुनिया की फिल्म के फैन्स को काफी उम्मीदें थीं.
फिल्म अमेरिका में अटैचमेंट प्लेटफॉर्म पर टॉप टेन में शामिल हो रही है। जापान में इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के रिकॉर्ड तोड़े.
कहां से आया ये गाना?
‘नाटू-नाटू’ जैसा कि शब्दों से जाहिर होता है कि एक ‘जन गीत’ है।
एस.एस. किंगमौली के दिमाग में ये बात थी कि एन अभिनय जूनियर और राम चरण ‘दोनों तेलुगू फिल्म उद्योग के बेहतरीन डांसर हैं। अपने-अपने तरीके से अब तक दोनों ही बार अपनी काबिलियत साबित कर चुके हैं। अगर दोनों को एक साथ डांस करते हुए दिखाया जाए तो शायद अच्छा लगेगा। उन्हें साथ-साथ परफॉर्म करते हैं दर्शकों के आनंद और एहसास को एक नए लेवल पर ले जा सकते हैं।’
किंगमौली ने अपना ये कॉक्रिकेटर संगीतकार किरावानी से साझा किया।
किरावानी ने इस बारे में बीबीसी से बातचीत करते हुए बताया, “राजामौली ने मुझसे कहा, बड़े भाई, मैं कोई ऐसा गाना चाहता हूं जिसमें दोनों डांसर एक-दूसरे से होड़ करते हुए डांस करें।”
फिर क्रिएट करने के लिए किरावानी ने मौजूदा दौर के ऑयलुगू मूवी सिटिंग्स में से अपने पसंदीदा ग्राह्य चंद्रबोस को चुना।
किरावानी ने बोस से कहा, “गाना ऐसा होना चाहिए कि दोनों लीड एक्टर्स इस पर अपने डांस से एक जोश और उत्साह पैदा कर दें। आप जैसा चाहें वैसा लिख सकते हैं। लेकिन ये ध्यान में रखेंगे कि फिल्म 1920 में होने वाली घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है।” – घूर्णन होता है। इसलिए ये देख सहयोग कि शब्द उसी दौर के हो।
छवि स्रोत, फेसबुक/आरआरआर
गाना कैसे तैयार किया?
किंगमौली, किरावानी और चंद्रबोस ने इस गाने पर 17 जनवरी 2020 से काम करना शुरू किया था। वर्क स्लेगडम में एल्युमिनियम फैक्ट्री में ‘आर आर आर’ के दफ्तर से शुरू हुआ था।
चंद्रबोस जैसे ही अपनी कार में बैठकर उनके दिमाग में राजामौली और किरावानी के निर्देशन में घूमने लगे। कार एल्यूमीनियम फ़ैक्टरी से जुबिली हिल्स की ओर दौड़ने जा रही थी। उनके हथकंडों पर थे, लेकिन दिमागी गाने लगे थे। तभी उनके दिमाग में गाने की हुक लाइन ‘नाटू-नाटू’ कौंधी।
इस तरह की कोई धुन अभी तक नहीं बनी थी। उन्होंने इसे ‘6-8 अन्यथा, सुनिश्चितता थर्ड स्पीड’ में बुनना शुरू किया। इस गति का क्या मतलब था?
चंद्र बोस बीबीसी से कहते हैं, ”चूंकी किरावानी का ये तय किया गया ढांचा इसलिए था कि वह सहयोग को सही समझा रहे हैं.”
25 साल से भी पहले किरावानी ने चंद्रबोस को सलाह दी थी, ”कोई भी गाना जिससे लोगों में जोश भरते हैं उसे इस गति में बुनो.”
छवि स्रोत, फेसबुक/आरआरआर
‘नाटू-नाटू’ ऐसा गाना है, जिसमें शीर्ष अभिनेता अपने नृत्य कौशल का प्रदर्शन करते हैं। इसलिए चंद्रबोस ने इसे इस गति में बनाया है। दो दिनों में उन्होंने गाने के तीन रूप बनाए और फिर किरावानी से मिले।
उन्होंने अपना पसंदीदा सबसे अच्छा सुना। इसके पहले दो और छंद सुनाए गए।
चंद्रबोस के इन पसंदीदा मुखड़ों को किरावानी ने भी पसंद किया और इस तरह ये गाना फाइनल हो गया।
गाना कुछ यूँ बना:-
पोलमगट्टू धुम्मूलोना पोटलागिट्टा धूकिंटू
पोलेरम्मारालो पोथाराजू ओगिन्टू
किरुसेप्पुलु एसिकोनि कारासामू सेसिन्टू
मारिसेट्टू निदालोना कुरागुम्पू कोडिनट्टू
नब्बे फ़ीसदी गाना दो दिन में पूरा हो गया।
हालांकि यहां-वहां बदलाव और बदलाव के बाद इस गाने को फाइनल करने में 19 महीने लग गए।
चंद्रबोस और किरावानी इस पूरे गाने को लेकर सलाह-मशविरा करते रहे।
सामाजिक और आर्थिक स्थितियों की तस्वीरें
फिल्म में भीम (जूनियर एन प्रमाणन) का चरित्र व्यावसायिकता का साथ ही साथ राम (राम चरण) का चरित्र क्षेत्रों का क्षेत्र है। समझौते गीतों में दोनों क्षेत्रों में 1920 के दशक की आकाशगंगा के शब्दों का सहयोग लिया गया है।
मसलिन ‘मिरापा टोक्कू’ (पिसी काली मिर्च) ‘दुमुकुलदतम’ (ऊपर-नीचे की छलांगना)। ये शब्द इंटरनेट में काफ़ी आम हैं।
उस दौरान अटलांटिक में मुख्य व्यंजन ज्वर हुआ था। इसे पिसी काली मिर्च के साथ खाया जाता था।
चंद्रबोस की नजर में गाना वो है जहां शब्द विलीन हो जाए और फिर उस पर पढ़े का क़बज़ा हो जाए। ये गाना इस तरह मोटे तौर पर फिट बैठता है।
तेलुगू में कई लोककथाएं हैं। कुछ किरदारों के गानों में भी सहयोग लिया गया है।
इस गीत को कालभैरव और राहुल सिप्लीगंज ने गाया है।
छवि स्रोत, फेसबुक/आरआरआर
यूक्रेन में फिल्म
‘नाटू-नाटू’ गाने ने दौड़ लगाई और राम चरण दोनों की नृत्य क्षमता की परीक्षा ले ली। कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित ने इस गाने के लिए लगभग 95 स्टेप कंपोज़ किए।
सिग्नेचर स्टेप के लिए उन्होंने इसके 30 संस्करण तैयार किए। विशेष कर उस दृश्य में जिसमें एन ऑफर और रामचरण हाथ पकड़ कर डांस कर रहे हैं।
इस फिल्म की यूनिट ने एक इंटरव्यू में बताया था कि इस खास स्टेप के लिए 18 टेक लेने पड़े थे। हालांकि यूनिट का कहना था कि एडिटिंग के दौरान दूसरी टेक को फाइनल किया गया था।
यूक्रेन के राष्ट्रपति भवन के चाहने वालों के लिए गाना गाना फिल्माया गया था।
यहां पर फिल्म की शूटिंग के दौरान किंगमौली और किरावानी ने गाने के आखिरी छंद में बदलाव का फैसला किया।
चंद्रबोस उस व्यस्त फिल्म ‘पुष्पा’ के सेट पर व्यस्त रहे।
लैंडा उनसे कॉन्फ्रेंस पर बात हुई। राजामौली और किरावानी ने उनसे स्थायी छंद में बदलाव करने को कहा।
छवि स्रोत, आरआरआर मूवी/फेसबुक
आख़िरी गाने को पूरा होने में 19 महीने का समय लग गया। आख़िरी छंद 15 मिनट में बदल दिया गया।
फिर बदला हुआ गाना रिकॉर्ड और शॉट हुआ।
नाटू-नाटू गाना न जुड़े हुए एन कनेक्शनों और रामचरणों के डांस टैलेंट को दिखाता है बल्कि वो भीम और राम की दोस्ती के कई पहलुओं को भी सामने लाता है।
यह भीम के लिए राम के बलिदान की कहानी है। यह बात है कि कैसे तेलुगू लोगों ने अंग्रेज़ों के आदेश को पूर्व से अस्वीकार कर दिया। कैसे भीम ने उस महिला का दिल जीता, जिससे वो प्रेम करता था।
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