वैश्विक हैजा का प्रकोप: दुनिया के कई देशों में हैजा के मामले बढ़ रहे हैं। दुनिया भर के 22 देशों में हैजा के प्रकोप का अनुभव किया जा रहा है। करीब 1 अरब लोगों तक संक्रमण के खतरे का खतरा मंडरा रहा है। जनवरी के पहले 29 दिनों के दौरान, पूरे अफ्रीका में 26,000 हैजा के मामले दर्ज किए गए थे। बताया जा रहा है कि टीके की कमी, सजीव परिवर्तन और बढ़ते संघर्ष की वजह से हैजा के मामलों में ऐसा हुआ है।
वीडियो हैजा टीम के नेता फिलिप बारबोजा ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में मीडिया से कहा कि उस सप्ताह अकेले तीन देशों ने इस बारे में हैजा के प्रकोप को लेकर सूचना दी है।
दुनिया के कई देशों में हैजा का प्रकोप
हैजा के मामलों में सालों की गिरावट के बाद एक फिर से प्रकोप बढ़ता जा रहा है। हाल के चक्रीय और सीरिया के भूकंप के बाद यह जारी रहने की उम्मीद है। जनवरी के पहले 29 दिनों के दौरान पूरे अफ्रीका में 26,000 हैजा के मामले दर्ज किए गए थे। लूप ने मामले के बढ़ते को लेकर चिंता जुड़ी है। शेष हैजा टीम के नेता फिलिप बारबोजा ने कहा कि पहली बार दीपक इस महामारी से लड़ने के लिए दानदाताओं से मदद मांग रहा है।
2022 के बाद से स्थिति खराब है
फिलिप बारबोजा ने बताया कि दुनिया भर के 22 देश क्षतिग्रस्त भोजन या पानी के कारण होने वाले तेज डायरिया संक्रमण के प्रकोप से लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामलों की गिरती संख्या के बाद 2022 में हैजा के मामलों में वृद्धि हुई है और इस साल भी यह प्रवृत्ति जारी रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि छह से पांच क्षेत्रों में मामला सामने आया है। फरवरी की शुरुआत में प्रकाशित समग्र समग्र वैश्विक अवलोकन से पता चला है कि 2022 के बाद से स्थिति और बिगड़ गई है।
हैजा निकालने की वजह क्या है?
डॉ. बारबोज़ा ने कहा कि गरीबी, दलाली, संघर्ष और जीव परिवर्तन के परिणाम के अलावा स्वच्छ जल और स्वच्छता तक पहुंच की कमी हैजा संक्रमण के कारक बने हुए हैं। उन्होंने चिकित्सकों, दवाओं और परीक्षण किट की सीमित क्षमताओं पर ध्यान आकर्षित किया। बारबोजा ने बताया कि साल 2023 में केवल 37 मिलियन खुराक उपलब्ध हैं। हालांकि अगले साल तक और डोज मिलने की उम्मीद है।
हैजा से हो रही हैं उलझनें
डॉ. बारबोज़ा ने कहा कि मौजूदा वैश्विक गड़बड़ी के परिणामस्वरूप, नेटवर्क पहली बार डोनर्स से हैजा के प्रकोप को दूर करने और जीवन बचाने में मदद करने के लिए 25 मिलियन डॉलर के फंड का समर्थन करने की अपील कर रहा है। झारखंड ने कहा कि वर्ष की शुरुआत से प्रकोप का सामना कर रहे 10 अफ्रीकी देशों में 29 जनवरी 2023 तक 26,000 मामले और 660 सीमाएँ हुई हैं। 2022 में 15 देशों से प्रभावित हुए करीब 80,000 मामले और 1,863 मामले दर्ज किए गए।
किन-किन देशों में हैजा का प्रकोप?
वीडियो के अनुसार पड़ोसी मलावी दो दशकों में सबसे घातक हैजा के प्रकोप का सामना कर रहा है। इसके अलावा इथियोपिया, केन्या और सोमालिया सहित अन्य देशों में मामले सामने आ रहे हैं। राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि समूह में जनसंख्या परिवर्तन शामिल है, जिसके कारण अफ्रीका के कुछ हिस्सों में सूखा या बाढ़ से समस्या होती है। जनसंख्या विस्थापन में वृद्धि हुई है और स्वच्छ जल कम हो गया है।
ये भी पढ़ें:
आतंकवाद: आतंकवाद के खिलाफ भारत के काम से गदगद है अमेरिका, मोदी सरकार की दहशत में कह दी बड़ी बात