भूतिया भारत के तीन राज्यों नागालैंड और मेघालय में बीते महीने विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती जारी है।
इन तीनों राज्यों में 60 सदस्यीय विधानसभाएं हैं। त्रिपुरा में 16 रेटिंग को तो नागालैंड और मेघालय में 27 रेटिंग को लेकर सर्वे हुए थे।
कहां किसकी सरकार
तीनों राज्यों में बीजेपी या तो सत्ता में है या सरकार को समर्थन दे रहा है। मेघालय में एनडीए की सरकार है।
साल 2018 में बीजेपी ने नेशनल पीपल्स पार्टी के साथ मिलकर सरकार की पेशकश की थी।
वहीं नागालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही है।
नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी एनडीए का हिस्सा है।
त्रिपुरा में भाजपा की सरकार है।
त्रिपुरा
त्रिपुरा में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं। माणिक साहा अभी त्रिपुरा के चित्र हैं। 2018 के चुनाव में एनडीए ने बहुमत की रेखा को पांचों तरफ से पार करते हुए 36 सीट्स देखे थे।
सीयडैम (एम) खुले 16 सन्निकट पर सिमट गया था। इस चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी।
2023 के विधानसभा चुनाव में जहां एक तरफ बीजेपी अपनी सत्ता कायम रखने की कोशिश में है, वहीं उसका सामना विचारधारा की वाम फ्रंट और कांग्रेस गठबंधन के साथ हुआ है।
वाम मोर्चा 43 और कांग्रेस 13 राज्यों में चुनाव लड़ा जबकि गठबंधन ने एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन किया।
पश्चिम बंगाल में कांग्रेसी कांग्रेसी विधायक दल के चुनाव हुए हैं।
नागालैंड
नागालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की सरकार है। नेफी रियो अभी नागालैंड के नंबर हैं।
ये पार्टी 2017 के चुनाव से पहले भरे हुए सत्ताधारी नागा पीपल से अलग हो गई थी।
2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने एनडीए से गठजोड़ कर चुनाव जीता था।
तब चुनाव में एनडीए को 32 सीट तो इनमें से नागा पीपल को 27 सीट मिले थे।
इस बार के चुनाव में एनडीपीपी 40 एरिया पर तो बीजेपी 20 एक्सपोजर पर चुनाव।
मेघालय
मेघालय की 60 स्थिर विधानसभा के लिए 27 नामांकन किए गए थे।
इस जहां में कांग्रेस अपने वजूद को बचाने की जद्दोजहद में लगी है, वहीं बीजेपी डबल इंजन की सरकार के जर्नल को बरकरार राज्य चाहती है।
वहीं ममता बनर्जी की कांग्रेस भी इस बार यहां से चुनाव लड़ी। तो दूसरी तरफ नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपीई) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) जैसे क्षेत्रीय राजनीतिक दल सत्ता में शामिल होने की जद्दोजहद में हैं।
यहां नेशनल पीपल्स पार्टी के कॉनराड मेघा सीएम हैं।
साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस को 59 में 21 विशिष्ट पर जीत मिली थी, जबकि नेशनल पीपल्स पार्टी 20 सीटों पर जीत पाई थी। बंकी दो सीट जीत सकी थी।
तब चुनाव के बाद बीजेपी से गठजोड़ कर नेशनल पीपल्स पार्टी ने सरकार बनाई थी।
2018 के मेघालय विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 28.5 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि नेशनल पीपल्स पार्टी को 20.6 प्रतिशत वोट मिले थे।
चुनावी मैदान
त्रिपुरा में गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में अयोध्या में बने राम मंदिर को एक जनवरी, 2024 को साइट पर जाने का ऐलान किया था।
जिसके बाद से सूचनाओं ने इस ओर ध्यान दिया कि भाजपा आगामी चुनावों में ‘मंदिर और राष्ट्रवाद’ की रणनीति के तहत चुनाव लड़ी।
हालांकि बीबीसी ने घोषणा पत्र में कई लोग व्यथित हैं। बीजेपी ने कहा कि सत्ता में वापस लौटे हुए क्षेत्रों के लिए विधानसभा, कार्यकारी और वित्तीय शक्तियों में स्वायत्तता दी जाएगी।
त्रिपुरा में भाजपा के प्रतिद्वंद्वी वाम दल ने भाजपा पर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया है।
त्रिपुरा में कांग्रेस रोजगार, बिजली और पुरानी पेंशन योजनाओं जैसे मुद्दों से मतदाताओं को साधती नजर आई।
वहीं मेघालय में कांग्रेस ने राज्य को बेरोजगारी और भष्टाचार मुक्त करने का भी वादा किया है।
राज्य में 36 विधानसभा क्षेत्रों में पुरुषों की मुक़ाबले महिलाओं की संख्या बहुत अधिक है। इसलिए राजनीतिक भागीदारी महिलाओं के मुद्दों को भी साधने की कोशिश करती दिखती हूं।
नागालैंड में बीजेपी ‘एम्पाव नागालैंड’ के नारे के साथ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के साथ लड़ाई कर रही है।
वहीं कांग्रेस ने नगालैंड में वादा किया कि बनने के बाद वो राज्य में शहरी स्थानीय निकाय महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत का विवरण देगा और प्रति माह 3,000 रुपये वृद्धावस्था पेंशन भी देगा।
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