स्पिन फ्रेंडली पिच पर टीम इंडिया की हार: भारतीय टीम घरेलू मैदानों पर टेस्ट क्रिकेट में मुश्किल हारती है। इसका सबसे बड़ा कारण टेस्ट मैचों के लिए तैयार की जाने वाली स्पिन अनुकूल पिचें हैं। भारतीय बल्लेबाज़ों की स्पिन में खेलने की चाहत होती है, लेकिन विदेशी खिलाड़ी उतनी अच्छी स्पिन नहीं खेल पाते। ऐसे में बीसीसीआई टेस्ट मैचों के लिए भारत में स्पिन फ्रेंडली पिच ही तैयार है। इंदौर टेस्ट के लिए भी ऐसा ही हुआ लेकिन यहां टीम इंडिया की जीत का फॉर्मूला अकेले पड़ गया।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2023 के शुरुआती दोनों भारतीय टीम ने स्पिन के अनुकूल पिचों पर जीत हासिल की थी। नागपुर और दिल्ली में हुए ये प्रचार पूरे तीन-तीन दिन भी नहीं चल पाए थे। स्पिन फ्रेंडली पिचों पर ऑस्ट्रेलिया के संघर्ष को देखते हुए इंदौर में भी भारतीय टीम प्रबंधन ने स्पिन ट्रैक तैयार किया लेकिन यह कुछ ज्यादा ही स्पिन फ्रेंडली हो गया।
पहले सत्र में ही उलझ गई टीम इंडिया
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर यहां पहले बल्लेबाजी की। इंदौर की पिच पर पहले सेशन से ही स्पिनर्स को जबरदस्ती मिलने लगी। पिच पर फिकबॉल के साथ फिफिग टर्न भी मिलने लगा जिसे समझने के लिए बल्लेबाजों के लिए काफी मुश्किल हो गया। भारतीय बल्लेबाजों को इतना पता था कि यह पिच स्पिन की जिद करेगी लेकिन इतनी ज्यादा मदद मिलेगी, इसकी उम्मीद नहीं थी। कभी गेंदें लगातार नीचे रह रही थीं तो कभी बहुत ज्यादा टॉस ले रही थी। कुछ बॉल ने तो इतना टर्न लिया कि बल्लेबाज के साथ-साथ हर कोई हैरान रह गया। पिच का बर्ताव समझ में तब तक आता है जब तक भारतीय टीम अपने 5 विकेट पर 45 रन बनाकर बैठी थी और फिर ऐसी-तैसे पहली पारी में 109 रन पर पहुंच गई।
ऑस्ट्रेलिया ने सब कुछ लिया और संभलकर बल्लेबाजी की
पहली पारी में पिच का बर्टाव ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ों ने टटोलते हुए बल्लेबाजी की। कुछ हद तक पहले सेशन के बाद पिच सेटल भी हुई थी, इसका नतीजा यह हुआ कि पहले दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट खोकर 156 रन बाउंडिंग और 47 रन की लीड पूरे मैच में पकड़ मजबूत कर ली। इस पहले दिन ही ऑस्ट्रेलिया की जीत लगभग तय कर ली गई थी।
ऑस्ट्रेलिया के 88 रन की बढ़त ने दबाव बढ़ा दिया
दूसरे दिन भी पहले सत्र में पिच का बर्ताव वैसा ही रहा और ऑस्ट्रेलिया की टीम अपने स्कोर में 41 रन जोड़कर ऑल आउट हो गई। 88 रन की लीड लेने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम में विश्वास दिखा और भारतीय टीम दबाव में नजर आई। नजीजा ने कहा कि टीम इंडिया दूसरे दिन दूसरे और तीसरे सत्र में बैक टू बैक रिकॉर्ड और 163 रनों पर सिमट गई। यहां ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी स्पिनर नाथन लायन ने 8 संकेत दिए।
छोटे अनुबंध ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को फ्रैंक खेलने का मौका दिया
दूसरे दिन के खेल के बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को ह्यूज 76 रन के लिए तैयार कर दी गई। पिच की हालत कितनी खराब हो लेकिन इतना कम लक्ष्य गेंदबाजी करने वाली टीम को बढ़ावा नहीं देता, यही कारण है कि यहां ऑस्ट्रेलिया ने एक विकेट खोकर तेज-तर्रार बल्लेबाजी करते हुए मैच जीत लिया। यही पक्का अगर 150+ होता है तो शायद इस पिच पर इसे हासिल करना असंभव हो सकता है।
यह भी पढ़ें…