त्रिपुरा भाजपा मुख्यमंत्री: त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी सत्ता में लौटी है और 8 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह भी तय हो गया है। नतीजे आने के बाद 5 दिन के आंकड़े हैं, लेकिन अब तक राज्य में मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान नहीं हो सकता है। त्रिपुरा में पूर्ण बहुमत मिलने के अगले ही दिन (3 मार्च) निर्वाचित माणिक साहा ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
वहीं, त्रिपुरा के चुनावी नतीजों के बाद से ही जाम लगने लगा है कि इस बार राज्य की ओर से किसी महिला नेता को आदेश दिया जा सकता है। दरअसल, केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने इस बार धनपुर विधानसभा सीट से त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार को शिकस्त दी है। जिसके बाद से ही उनके नाम की चर्चा सीएम पद के लिए होने लगी है। लेकिन, यहां अहम सवाल ये है कि नतीजे आने के 5 दिन बाद भी त्रिपुरा में सीएम के नाम पर सस्पेंस क्यों है?
डिप्टी सीएम का चुनाव हारना बना सिरदर्द
त्रिपुरा में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला, लेकिन सरकार में डिप्टी सीएम जिष्णु देव बर्मा ही चुनाव हार गए। बीजेपी के कद्दावर नेता और उपमुख्यमंत्री को पहली बार चुनाव लड़ना टिपरा मोथा पार्टी के सुबोध देब बर्मा ने 858 वोटों से शिकस्त दी. उप मुख्यमंत्री का विधानसभा चुनाव हारने से बीजेपी के सामने राज्य में उपमुख्यमंत्री को भी चुनौती मिलने वाली है।
माणिक साहा के चेहरे पर बीजेपी ने चुनाव लड़ा
त्रिपुरा की टाउन बोरडोवली विधानसभा सीट से सीएम माणिक साहा ने जीत हासिल की. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के करीबी साहा के चेहरे पर ही बीजेपी ने विधानसभा चुनाव लड़ा था। पिछले साल जब बिप्लब कुमार देब को हटाकर माणिक साहा को सीएम बनाया गया था, तब से ही सियासी गलियारों में चर्चा होने लगी थी कि इस बार बीजेपी आलाकमान त्रिपुरा में बदलाव कर सकता है। हालांकि, बीआरओ सूत्रों का कहना है कि माणिक साहा पार्टी के लिए त्रैमासिक मतदाताओं के बीच अच्छा पंथ बना सकते हैं। जो टिपरा मोथा पार्टी के बनने के बाद बहुत जरूरी नजर आती है।
अनुरागी की ‘दीदी’ ने घिनौना किया वामपंथ का सबसे बड़ा किला
त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और वामपंथी नेता माणिक सरकार की परंपरागत सीट पर तीसरी कोशिश में प्रतिमा भौमिक को जीत मिली है। यह कहा जा सकता है कि उन्होंने वामपंथ का सबसे बड़ा किला समतल किया है। यही वजह है कि भौमिक के नाम की चर्चा सीएम पद के लिए होने लगी है।
पहले भी चौंका चुके हैं पीएम मोदी का फैसला
भूत राज्यों को लेकर बीजेपी और पीएम मोदी के फैसले पहले भी चौंक गए हैं। असम के सीएम सर्वानंद सोनोवाल की जगह बीजेपी ने चौंकते हुए हिमंता बिस्वा सरमा को नया सीएम बनाने का फैसला लिया था। सरमा की भूतिया स्थिति में गहरा पंथ है। इसके चलते अटकल जा रही है कि त्रिपुरा में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर हिमंता की बात पर भी विचार किया जा सकता है। वैसे, त्रिपुरा में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में वर्तमान माणिक साहा और मूर्ति भौमिक के नाम ही रेस में चल रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि कौन इस रेस में आगे बढ़ता है।
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