एसएससी नौकरी इच्छुक टूट गया: पूरी दुनिया में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस बड़े ही जोरशोर के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर महिलाओं पर आधारित कई तरह के कार्यक्रम सामने आए। वहीं पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से एक अलग ही तरह की तस्वीर सामने आई है। यहां एसएससी टीचर के लिए क्वालिफाई महिला ग्रेट ने मार्च अनुमान लगाया।
महिला ग्राम ने सात साल बाद भी नौकरी नहीं मिलने पर महिला दिवस के दिन ही मार्च निकालकर अपना विरोध जताया। विरोध रैली में नौकरी के 100 से अधिक लिप्सा शामिल हुए। उन्होंने सियालदह रेलवे स्टेशन से मध्य कोलकाता में महात्मा गांधी की प्रतिमा तक मार्च निकाला।
अपना दुख बताकर रोने लगीं महिलाएं
उन्होंने परीक्षा और साक्षात्कार के दौर को पूरा करने वाले वीजा के बावजूद नियुक्ति पत्र नहीं देने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। रैली जब कोलकाता प्रेस क्लब के पास पहुंची तो राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कुछ महिला आंदोलनकारियों की आंखों में आंसू आ गए। मार्च में शामिल हुई एक महिला सड़क पर जोर-जोर से रोते हुए अपना नियुक्ति पत्र मांग रही थी।
2016 में पास कर चुकी थीं exam
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ कोलकाता के गरिया की रहने वाले नस्कर (35) ने दावा किया कि उसने 2016 में एसएलएसटी परीक्षा की झलक की थी। उसने कहा कि उसने स्कूल सेवा आयोग की परीक्षा और साक्षात्कार के दौर को मंजूरी दे दी थी और उसका नाम प्रतीक्षा सूची में था। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर घूस के कारण उनका नाम प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया। यह आरोप लगाते हुए वह फूट-फूट कर रोने लगा।
‘सात साल भी नहीं मिली नियुक्ति’
एक अन्य महिला ने इंडिया से आज बात करते हुए कहा, “सात साल के बुलेटिन गए, लेकिन फिर भी मुझे एक वास्तविक और उम्मीदवार होने के बावजूद नियुक्ति पत्र नहीं मिला। हम सभी मिडिल क्लास परिवार से आते हैं, इसलिए हमारे साथ-साथ हमारे माता-पिता भी दिन-ब-दिन मर रहे हैं। यह नौकरी ही हमारी आखिरी संपत्ति है। हमारे पास करने के लिए और कुछ नहीं है। हम मजबूर हैं। मुझे बस नौकरी मिलनी चाहिए और कुछ नहीं।
पिछले महीने हुई थी बड़ी कार्रवाई
सीबीआई ने पिछले महीने ही पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्तियों में घोटाला मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान सीबीआइ ने कहा था, “गिरफ्तार किए गए लोग कथित तौर पर एजेंट के रूप में काम कर रहे थे। ये बांग्लादेश से पैसा जुड़ रहे थे और राज्य भर के विभिन्न स्कूलों में उन्हें रोजगार की सुविधा प्रदान कर रहे थे।” सीबीआई के अधिकारियों ने कहा था, “हमें उनके स्पष्ट प्रमाण मिले हैं।”
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