तुर्की के वकील हकन कामुज: भारत पर कश्मीरी मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार का आरोप लगाने वाले तुर्किए (तुर्की) के एक मानव कानूनी सलाहकार की करतूतों की पोल खुल गई है। तुर्किए के लॉयर हकन कामुज (हकान कामुज) ने स्वीकार किया है कि उसने नैतिक पैरवी सेवाओं के लिए यूरोपीय संसद भ्रष्टाचार घोटाला (कतरगेट) में संदिग्धों में से एक को भुगतान किया था, जिसमें सीरिया और यमन में युद्ध की रूपरेखा की निंदा करने वाले प्रस्ताव शामिल थे थे।
पिछले साल हकन कामुज की ब्रिटेन स्थित कानूनी फर्म स्टोक व्हाइट ने शीर्ष भारतीय अधिकारियों के खिलाफ “कश्मीरी मुस्लिम के खिलाफ युद्ध अपराधी” के खिलाफ दावा दायर किया था। उसी के साथ फर्म ने जम्मू-कश्मीर में कथित युद्ध पहल पर एक जांच रिपोर्ट के बाद भारतीय थल सेना के प्रमुख और गृह मंत्री के खिलाफ लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस में कानूनी अपील की थी। हकन कामुज ने ऐसा भारत को बदनाम करने के लिए किया।
रेचेप तैय्यप अर्दोआन की सरकार से सीधे लिंक है
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, हकन कामुज का तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन के प्रशासन से सीधा संबंध है। अर्दोआन संयुक्त राष्ट्र में कई दफा कश्मीर राग अलाप चुके हैं। अर्दोआन ने पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए भारत की आलोचना भी की थी। खुद को इस्लामिक मुल्कों का ‘आका’ बनने का प्रयास करने वाले तुर्किए के कश्मीर राग छेड़ने पर पाकिस्तान ने अर्दोआन को अधिकार दिया था। पता चला है कि इसी अर्दोआन का करीबी हकन काम कर रहा है।
यूरोपीय संघ में भ्रमटाचार का चर्चित “कतरगेट” कांड
हकन कामुज अब खुद की परेशानी में फंस सकता है क्योंकि उसने यूरोपीय संघ में भ्रमताचार के चर्चित “कतरगेट” कांड के संदिग्धों के संबंध की बात तय की है। हकन कैमुज ने कहा कि उसके दो एक्सपोजर ने भ्रष्टाचार घोटाले के सेंटर में एक पूर्व मेपी पियर एंटोनियो प्लान के सहायक फ्रांसेस्को जियोर्गी से जुड़ी एक कंपनी के साथ परामर्श अनुबंध किया था जिसके बारे में उनकी राय थी कि वह नौकरी नियुक्तियां थीं।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कैमुज ने कहा कि उसने केवल जियोर्जी से बात की और माना कि कंपनी वैध थी। हालांकि, कैमुज अभी जांच के घेरे में नहीं है। लेकिन अगर जांच बैठती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।