पाकिस्तान विदेश मंत्रालय भारत यात्रा: पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि उनके विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा पर आने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है।
बिलावल और चीन के चीन कांग शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के विदेश मंत्री में शामिल हैं, जिन्को भारत ने मई में होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित किया है। भारत के आठ देशों के एससीओ के वर्तमान अध्यक्ष हैं।
‘भारत-पाक में तल्ख हैं संबंध’
पाकिस्तान के अधिकारियों का बयान यूएन में हुआ था, जिसके बाद जेह बिलावल भुट्टो ने यूएन में भुट्टो के मामले का मामला उठाते हुए पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया था। कश्मीर पर उनके बयानों का जवाब देते हुए भारत के यूएन में स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने अपने बयानों को ‘आधारहीन और राजनीति से प्रेरित’ कर दिया था।
बिलावल के झूठ का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘अपने भाषण को समाप्त करने से पहले मैं जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने जो ओछी, आधारहीन और राजनीति से प्रेरित टिप्पणी की है, मैं उस टिप्पणी को खारिज करता हूं।
अत्याचारी है कि कंबोज की यह कड़ी प्रतिक्रिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर सुरक्षा परिषद में इस महीने के अध्यक्ष मोजाम्बिक के नेतृत्व में हुई चर्चा के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी द्वारा जम्मू-कश्मीर का उल्लेख किए जाने के बाद आई है।
पाकिस्तान में गठबंधन पीपीपी छोड़ सकता है
विदेश में जहां एक तरफ मौजूदा बिलावल भुट्टो भारत के ऊपर आरोप लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं तो वहीं उन्होंने देश में गठबंधन सरकार से अलग होने की धमकी दी है। पीएमएम की मौजूदा मौजूदा गठबंधन सरकार के प्रमुख घटक रैपपी ने धमकी दी है कि अगर सरकार एक सर्किल डिजिटल जनगणना आयोजित नहीं करती है और सिंध प्रांत बाढ़ की प्राथमिकता को राहत देती है तो वह संघीय सरकार से अलग हो जाएगी।