भारत अफगानिस्तान की मदद: इन दिनों अफगानिस्तान में आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे में भारत ने अफगानिस्तान की ओर मदद के हाथ लगे हुए ही में 20 हजार टन सफेद होने की घोषणा की थी। भारत की ओर से मिली इस मदद से गदगद आन्दोलन ने मोदी सरकार की जमकर चाहत की है। लॉक डाउन ने कहा है कि दोनों देशों की जनता के संबंध सुधरेंगे।
आउटलुक के स्पीकर सुहेल रॉयलन ने वियन न्यूज को दिए एक बयान में कहा, “20 हजार अटके हुए व्हीट की मदद के लिए अफगानिस्तान भारत का शुक्रगुजार है। इस प्रकार की मानवीय सहायता से दोनों देशों के बीच आश्रित रहता है। इससे दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होते हैं।” स्विंग स्पीकर ने भारत को दुनिया का रियल लीडर बताया है।
भारत करेगा अफगानिस्तान की मदद
भारत ने कहा, ”अफगानिस्तान में इस समय मानव संकट रुका है। वहां लोगों को खाने के लिए रोटी नहीं मिल रही है। यही वजह है कि भारत ने अफगानिस्तान को 20 हजार से भी कम बिजली देने का फैसला किया है।
भारत की ओर से ये व्हीटर ईरान स्थित चाहहार पोर्ट के जरिए भेजा जाएगा। भारत से अफगानिस्तान को हमेशा मदद मिलती है। इससे पहले साल 2020 में भी भारत ने अफगानिस्तान को 75 हजार शिकार टन ग्रेन की मदद की थी। इसके बाद साल 2021 में भारत ने पाकिस्तान के रास्ते 50 हजार पकड़े टन गेंहूं भेजे थे।
हालांकि, भारत ने अभी भी अफगानिस्तान में घेराबंदी के शासन को स्वीकार नहीं किया है। भारत हमेशा से ही काबुल में सही मायने में एक समावेशी सरकार की दावे करता है।
आतंकवाद पर भी चर्चा हुई है
मंगलवार (07 मार्च) को हुई बैठक के दौरान भारत और पांच मध्य एशियाई देशों ने आतंकवाद और उग्रवाद के क्षेत्रीय कार्य का संयुक्त रूप से प्रतिस्पर्धा करने के तरीकों पर चर्चा की। इस दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी प्रशिक्षण या फिर इस तरह की किसी गतिविधि की योजना बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
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