बौद्ध धर्म को लेकर दलाई लामा का चीन पर हमला तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने एक बार फिर बौद्ध धर्म को लेकर चीन पर तीखा हमला बोला है। बिहार के बोधगया में शनिवार (31 दिसंबर) को तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा (दलाई लामा) ने कहा है कि चीन बौद्ध धर्म को ध्यान लगाने और नष्ट करने का प्रयास कर रहा है लेकिन वो इसमें सफल नहीं होगा। बोधगया के कालचक्र मैदान में तीसरे और अंतिम दिन की प्रवचन घटना के बारे में बोलते हुए दलाई लामा ने चीन पर आरोप लगाया कि वह बौद्ध धर्म के लिए खतरनाक है।
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने आरोप लगाया कि बौद्ध धर्म (बौद्ध धर्म) के सहयोग को नष्ट करके चीन से निकालने के लिए एक सरल तरीके से अभियान चलाया जा रहा है।
‘बौद्ध धर्म को नष्ट करने की चीन की कोशिश’
बोधगया में प्रवचन घटना में दलाई लामा ने कहा, “हम बौद्ध धर्म में दृष्टिकोण रखते हैं, जब मैं ट्रांस-हिमालयी क्षेत्रों का दौरा करता हूं तो मुझे स्थानीय लोग धर्म के प्रति समर्पित स्थिति और म्यांह और चीन में भी है, हालांकि चीन की सरकार इस धर्म को नुकसान के रूप में उठाती है और इसे नष्ट करने की कोशिश करती है, लेकिन वे सफल नहीं हुए हैं चीनी सरकार की ओर से बौद्ध धर्म को काफी नुकसान पहुंचा लेकिन बौद्ध को धर्म चीन से नष्ट नहीं किया सका”।
कई बौद्ध विहारों को नष्ट करने का आरोप
समाचार एजेंसी एनी के अनुसार, तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई ने आगे कहा कि आज भी चीन में बौद्ध धर्म को पसंद करने वाले कई लोग हैं। दलाई लामा ने कहा कि चीनी सरकार ने कई बौद्ध विहारों को नष्ट कर दिया है, लेकिन चीन में बौद्ध धर्म के यात्रियों की संख्या कम नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि चीन में अभी भी कई बौद्ध मठ मौजूद हैं और वहां के लोगों के बौद्ध धर्म से गहरे संबंध हैं।
सीएम पेमा खांडू भी कार्यक्रम में पहुंचे
अरुणाचल के चंचल पेमा खांडू (पेमा खांडू) भी शनिवार (31 दिसंबर) को बोधगया (बोधगया) के कालचक्र मैदान में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के प्रवर्चन कार्यक्रम में शामिल हुए। दलाई लामा के प्रवचन में 80,000 से अधिक बौद्ध भक्तों ने सुना।
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