यूएस रोजगार आधारित वीजा: अमेरिका (अमेरिका) में मौजूदा फेडरल इमिग्रेशन लॉ (फेडरल इमिग्रेशन लॉ) के तहत हर साल रोजगार पर वीजा दिया जाता है। इसका सही इस्तेमाल करने के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में शुक्रवार (10 मार्च) को एक पक्षकार को बिल पेश किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता राजा कृष्णमूर्ति और जीओपी के लैरी बुकशॉन ने बाइपार्टीसम बिल पेश किया।
बिल को पेश करने के पीछे की वजह यह है कि 2023 का एलिमिनेटिंग बैकलॉग एक्ट मौजूदा अलॉट जॉब वीजा का इस्तेमाल करने के लिए ज्यादा आसान बनाया जा रहा है। ऐसे वीजा धारकों की बहुत जरूरत भी है।
वीजा की संख्या सीमित है
डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि हमारे देश में हाई स्किल्ड इमिग्रेशन सिस्टम मौजूद है। ये दुनिया भर से शीर्ष प्रतिभाओं को यहां आने के लिए मदद करता है। मौजूदा कानून काम करने वाले को मूल देश के आधार पर मिलने वाले रोजगार वीजा की संख्या को सीमित करता है। नए कानून का उद्देश्य अमेरिकी उद्योग को मजबूत बनाना है, जिससे रोजगार पैदा करने में मदद मिल सके।
इसके लिए पूरी दुनिया से मित्रवत आकर्षित होने के लिए सभी वीजा का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए करें। वहीं ऐसा करने के लिए हाई स्किल्ड इमिग्रेशन सिस्टम में देश भेदभाव को खत्म करना होगा। वहीं अगर ये बिल कानून में बदल जाए तो भारतवासियों को बहुत फायदा होगा, क्योंकि भारत से हर साल लाखों लोग अमेरिका में नौकरी करने के लिए वीजा का आवेदन करते हैं।
क्लोजर वीजा एलॉट किया जाता है
लैरी बुकशॉन ने कहा कि अभी भी संघीय प्रवासन कानून के तहत डॉक्टरों और इंजीनियरों के लिए ब्लूप्रिंट वीजा आवंटित किया जाता है। ये सभी लोग इंडियाना और पूरे देश में कंपनियों की कंपनियों को पूरा करते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से देश भर में अधिक कुशल पत्राचार की गंभीर आवश्यकता के बावजूद चुप्पी और देरी ने हजारों वीज़ाओं का उपयोग करने से रोक दिया है।
हमारा नया बिल ऐसे बैकलॉग को खत्म करने में मदद करेगा और ये सुनिश्चित करेगा कि मौजूदा संघीय आप्रवासन कानून के तहत प्लॉट का सही उपयोग किया जा सके। ये बिल इमीग्रेशन सिस्टम को सपोर्ट करने में मदद करेगा, जिसे लेकर प्रोत्साहन मिलेगा और हमारी इकोनॉमी में तेजी आएगी।
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