टोरंटो जिला स्कूल बोर्ड: अमेरिका के बाद अब कनाडा में जातिगत भेदभाव की आवाज तेज होने लगी है। कनाडा के टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड (टीडीएसबी) ने जातिगत भेदभाव का एक बड़ा कदम उठाया है। बोर्ड का यह मानना है कि शहर के स्कूलों में जातिगत भेदभाव होते हैं, इसलिए बोर्ड ने जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न को खत्म करने के लिए एक प्रस्ताव पास किया है। टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड ने बुधवार (8 मार्च) को प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
बोर्ड ने इस समस्या को हल करने के लिए प्रांतीय मानव निकायों की सहायता का निर्णय लिया है। टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड ने मानव निकाय से इसकी रूपरेखा बनाने का दावा किया है। बोर्ड ने ट्रस्टी यालिनी राजकुलासिंगम की ओर से पेश एक प्रस्ताव भी पारित किया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 16 ट्रस्टियों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया और पांच ने इसके खिलाफ मतदान किया।
टीडीएसबी कनाडा का सबसे बड़ा स्कूल है
बता दें कि टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड (TDSB) कनाडा का सबसे बड़ा स्कूल बोर्ड है। बोर्ड से 583 स्कूल एफिलिएटिड हैं, जिनमें से 2,35,000 छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। बोर्ड की ओर से जारी प्रस्ताव में कहा गया है, “दक्षिण एशिया और कैरिबियन समुदायों की ओर से जाति-आधारित प्रभाव का अनुभव किया जाता है और टोरंटो अप्रवासियों सहित जाति-आधारित भेदभाव में फंसा हुआ है।” बोर्ड ने कहा, “जाति की पहचान किसी व्यक्ति के सरनेम, पारिवारिक व्यवसाय, खान-पान और संबंधित क्षेत्रों से की जा सकती है।”
इंडो-कनाडाई समूह ने शिकायत की है
उसी समय टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड के प्रस्ताव से इंडो-कनाडाई समूह नाराज हो गया। कैनेडियन ऑर्गनाइजेशन फॉर हिंदू हेरिटेज एजुकेशन (सीओएचएचई) के एक बयान में कहा गया है, “जाति प्रस्ताव दक्षिण एशियाई लोगों को जांच के लिए अलग करता है और इस तरह ये दक्षिण एशियाई लोगों को रूढ़िबद्ध करता है, उनके खिलाफ पूर्वाग्रह पैदा करता है, यह द्वेष और भेदभाव का रास्ता तैयार हो जाएंगे।”
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