ईरान सऊदी अरब संबंधों पर फारूक अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया: नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सर फारूक अब्दुल्ला (फारूक अब्दुल्ला) ने ईरान (ईरान) और सऊदी अरब (सऊदी अरब) के बीच राजनायिक संबंध को फिर से बहाल करने की सहमति बनने पर प्रतिक्रिया दी है। वे उम्मीद करते हैं कि दोनों देशों के इस्लामी दुनिया के लिए लाभ साबित होंगे।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, फारूक अब्दुल्ला ने ईरान और सऊदी अरब के बीच सालों के तनाव के बाद राजनीतिक संबंधों को फिर से बहाल होने के फैसले का स्वागत किया है। उसी के साथ आशा व्यक्तत की है कि यह दोनों देशों के संबंध इस्लामी दुनिया में ज्यादा से ज्यादा सहयोग के अग्रदूत के रूप में काम करेंगे।
नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने वर्षों के तनाव के बाद राजनयिक संबंधों को फिर से स्थापित करने के ईरान और सऊदी अरब के फैसले का स्वागत किया, आशा व्यक्त की कि यह इस्लामी दुनिया में अधिक सहयोग के अग्रदूत के रूप में कार्य करेगा
– प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (@PTI_News) 11 मार्च, 2023
ईरान-सऊदी अरब को आने वाले समय में चीन ने अहम भूमिका निभाई है
ईरान और सऊदी अरब के बीच सात साल से तनाव चल रहा था। माना जाता है कि मध्य पूर्व में दोनों देशों के बीच बातचीत के कारण स्थिरता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार (10 मार्च) को दोनों देशों के बीच आपसी संबंध बहाल करने के लिए सहमति बनी। दोनों देशों के आने में चीन की भूमिका निर्धारित की जा रही है। चीन ने अनुबंध की भूमिका निभाई है। चीन की ओर से वार्ताएं अजोजित की गईं। परिणामस्वरूप ईरान और सऊदी अरब ने मंगलवार को इस बात पर सहमति जताई कि अगले दो महीने में दोनों देश अपने-अपने दूतावास और मिशनों को फिर से खोलेंगे।
इन देशों ने किया ईरान-सऊदी अरब के फैसले का समर्थन
ईरान और सऊदी अरब के बीच राजनयिक संबंध बहाल होने के समझौते को लेकर कई देशों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन चूंकि दोनों देशों की दोस्ती में शामिल था, उसने इसे प्रमुख गुड न्यूज कहा है। अमेरिका की ओर से तटस्थता प्रतिक्रिया दी गई है। व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले साल अपनी यात्रा के दौरान आवश्यक रूप से रेखांकन किया था।
वहीं, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, यमन के हूथी रेबेल, ओमान, कतर, लेबनान के शक्तिशाली समूह हिजबुल्लाह, मिस्र, बहरीन, तुर्किए और फिलीस्तीनी प्राधिकरण ने ईरान और सऊदी अरब के बीच संबंधों का समर्थन किया है।