रियाद एयरलाइंस सऊदी अरब: पश्चिमी एशियाई देश सऊदी अरब में नई एयरलाइंस शुरू की जा रही है। इसका नाम ‘रियाद एयर’ (रियाद एयर) रखा गया है। इस एयरलाइंस को शुरू करने का श्रेय सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (मुहम्मद बिन सलमान के क्राउन प्रिंस) को दिया गया है।
सऊदी अरब की ओर से जारी बयानों में रविवार (12 मार्च) को कहा गया कि 2030 तक ‘रियाद एयर’ एशिया समेत तीन महाद्वीपों के 100 शहरों को हवाई यात्रा से जोड़ेंगे। अरबियन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी अरब क्राउन सरकार प्रिंस के विजन 2030 के तहत कई तरह के कदम उठा रही है। नई एयरलाइन कंपनी शुरू करने का फैसला भी इसी कड़ी में एक कदम है।
रियाद को साझा की तरह इस्तेमाल किया जाएगा!
प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान कह चुके हैं कि अब पेट्रो इकोनॉमी का दायरा जल्द ही बाहर निकलना जरूरी है। उन्होंने 2 साल पहले फैसला किया था कि उनकी मुल्क को एक ऐसी एयरलाइन कंपनी की जरूरत है जो तीन महाद्वीपों को कनेक्ट कर सके। उन महाद्वीपों में एशिया, अफ्रीका और यूरोप में रहते हैं। इस बीच रियाद को साझा की तरह इस्तेमाल किया जाएगा।
3 महाद्वीपों को हवाई यात्रा से जोड़गा सऊदी अरब
सऊदी अरब पश्चिमी एशिया से जुड़ा हुआ है, यह एक प्रायद्वीपीय देश है जिसके तीन ओर समुद्र है। इस पश्चिमी देशों को ‘मिडिल ईस्ट’ कहा जाता है। सुदी अरब के पश्चिम की ओर लाल सागर है और उसके पार मिस्र (इजिप्ट) है। मिस्र का अधिकांश हिस्सा अफ्रीका महाद्वीप में है, जब कि कुछ हिसा एशिया में है। इसी तरह के अधिकांश तुर्की एशिया में हैं और कुछ हिस्सा यूरोप में आता है। अब सुदी से आंतरिक देशों के लिए फ्लाइट शुरू होगी।
यहां साल भर में लाखों नमाजियों का आतंक होता है
सऊदी अरब में नई एयरलाइंस शुरू करने की एक वजह यह भी है कि यहां हर साल मुस्लिमों का पालन होता रहता है। इस्लाम मजहब की स्थापना कार्यवृत्त से निर्धारित किया जाता है। इस्लाम की तालीम देने वाले पैगंबर मोहम्मद मक्का-मदीना के रहने वाले थे। इसलिए मक्का-मदीना इस्लाम के सबसे पवित्र नगरियां चुनी जाती हैं। इस्लाम के 2 मतों में सुन्नी और शिया मुस्लिमों से सऊदी अरब में बहुल मुल्क हैं। यहाँ की पृथ्वी रेतीली है और जीवंत जैविक मरुस्थल है। इसके अलावा यह दुनिया की अग्रणी तेल संबंधी चिंताओं से संपर्क करता है।