टीएमसी का कांग्रेस पर हमला विरोध एकता में आज यानी बुधवार (15 मार्च) को एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस ने बुधवार (15 मार्च) को अडानी मामले में विपक्षी मार्च का नेतृत्व किया, लेकिन इस मार्च से टीएमसी और एनसीपी ने दूरी बनाए रखी। अब टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के मार्च से दूर रहने पर टीएमसी नेता ने कहा, “कांग्रेस हमें हल्का नहीं कर सकती है।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी पर हमला करते हुए टीएमसी नेता ने कहा, “एक तरफ उनके वरिष्ठ नेता आरोप लगा रहे हैं ममता कि-मोदी-अडानी लिंक हैं, दूसरी तरफ वह हमसे उनके साथ ब्रेक होने की उम्मीद करते हैं कर रहा है।” टीसीएम नेता ने कहा, “टिप्पणी करने वाला व्यक्ति कोई नहीं है, वह सदन में पार्टी के मौजूदा नेता हैं।”
कांग्रेस के मार्च से बनाई दूरी
अडानी मामले में जांच के लिए टीएमसी ने ईडी के निदेशक एसके मिश्रा को भेजे गए संयुक्त विपक्षी पार्टियों की चिट्ठी पर भी हस्ताक्षर नहीं किए और ना ही मार्च में हिस्सा लिया। टीएमसी नेता ने कहा, “कांग्रेस पार्टी हमें इस तरह से हल्के में नहीं ले सकती।”
उन्होंने कहा, “लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता के बयान से पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी विरोधी एकता को किस तरह से देख रही है।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस को यह तय करना है कि आप समान विचारधारा वाले लोगों को क्या चाहते हैं या नहीं चाहते हैं और वह हमारे साथ काम करना चाहते हैं या नहीं।”
तीसरे मोर्चों की कोशिश कर रही TMC
बता दें कि हाल ही में बंगाल के सागरदिघी उपचुनाव में अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोला था और उन पर धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। इस उपचुनाव में कांग्रेस ने टीएमसी को करारी शिक्षा दी थी। टीएमसी में इस बात का गुस्सा भी है।
पार्टी सूत्र ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की ओर से टीएमसी नेतृत्व नाराज है। टीएमसी नेता ने तीसरे मोर्चों के संकेत दिए। उन्होंने कहा, “हम अन्य गैर-कांग्रेसी राजनीतिक दलों के संपर्क में हैं। हम अन्य समान विचारधारा वाले पक्षों को जिम्मेदार मानते हैं।”
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