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तोशाज़ाना मामले में पेशी के लिए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक ए इंसाफ़ पाकिस्तान (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान राजधानी स्थित कोर्ट परिसर के गेट से ही वापस लौट गए।
जामकर की सेशन्स कोर्ट ने शनिवार को पुलिस और इमरान ख़ान के बीच हुई झड़पों के बाद सुनवाई रद्द कर दी। कोर्ट ने कहा, “इस स्थिति में सुनवाई नहीं हो सकती है।”
बीबीसी संवाददाता शुमाइला जाफरी कोर्ट के मुताबिक इमरान ख़ान के खिलाफ़ गिरफ़्तारी सर्टिफिकेट रद्द कर दिया गया. इस मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी और इमरान ख़ान को कोर्ट में हाजिर होना होगा.
पुलिस ने इमरान ख़ान की पार्टी के मामले को उनके साथ अदालत परिसर में दाखिल करने की अनुमति नहीं दी। कोर्ट ने इमरान ख़ान को प्रवेश द्वार पर ही उपस्थिति दर्ज करने की अनुमति दी।
इमरान ख़ान पर आरोप है कि प्रधान मंत्री रहते हैं तोशाज़ाना के मनगे तोहफ़े अपने फ़ायदे के लिए गिर गए थे। इमरान ख़ान इन झूठ को ‘गलत और राजनीति से प्रेरित’ व्यक्ती हैं।
लाहौर पुलिस ने कुछ दिन पहले इमरान ख़ान को गिराने की कोशिश की थी। तब इमरान ख़ान के चमचे और पुलिस के बीच झड़पें हुईं।
शुक्रवार को हाई लाहौर कोर्ट ने इमरान ख़ान की इस क्षति पर उनकी गिरफ़्तारी को रोक दिया था कि वो शनिवार को संबंधित अदालत के सामने पेश होंगे।
शनिवार को इमरान ख़ान का काफ़िला स्थानीय समय के अनुसार शाम चार बजे के करीब राजधानी के ज़्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स के करीब पहुंच। इमरान ख़ान के आने से पहले उनके मामले और पुलिस के बीच झड़पें हुईं।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के विशेष सहायक आरोप लगाए गए कि इमरान ख़ान कोर्ट के अंदर नहीं आए।
उन्होंने दावा किया, “न्यायालय शुरू हो गया है, वकील मौजूद हैं, लेकिन इमरान खान कार के अंदर नहीं ला रहे हैं।”
दूसरे तरफ इमरान खान ने एक ऑडियो संदेश जारी किया और प्रशासन पर आरोप लगाया।
बीबीसी उर्दू इमरान खान के अनुसार, “टोला प्लाजा से जुडिशियल कॉम्प्लेक्स के बाहर पहुंचने में पांच घंटे लग गए।”
इमरान ख़ान ने ऑडियो संदेश में कहा, “मैं 15 मिनट से गेट के बाहर खड़ा हूं।”
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रनजर में क्या हुआ?
इमरान ख़ान जब कोर्ट परिसर के क़रीब-क़रीब बैठे थे, उसी के साथ ही उनके आश्रितों की संख्या बढ़ती गई। कोर्ट परिसर के करीब बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था।
बड़े स्थानांतरण के माध्यम से रोकने की कोशिश की गई थी। लेकिन इमरान खान की पार्टी के समर्थक बैरियर हटाकर कोर्ट के करीब पहुंच गए।
उनका पुलिस से टकराव भी शुरू हो गया। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। वहीं, इमरान खान के समर्थक पत्थर और ईंटें फेंक रहे थे। इमरान ख़ान की कार पहुँची तो दस्तावेज़ ने अपना घिनौना घिनौना काम कर लिया।
इमरान ख़ान की पार्टी ने पीटीआई लिखित क्षति दी थी कि कुछ नामजद लोग ही उनके साथ जुडिशियल कॉम्प्लैक्स में चले गए थे लेकिन इमरान ख़ान के गिरने की अफवाह के कारण बड़ी संख्या में समर्थक वहां पहुंच गए थे।
करीब एक घंटे तक इमरान ख़ान की गाड़ी कोर्ट के गेट के सामने सवारी कर रही है। क्रोमा ने पुलिस को कार तक नहीं आने दिया। उन्होंने इमरान खान को भी कार से नहीं गिराया। इसके बाद अदालत ने एक अधिकारी को इमरान खान की उपस्थिति के लिए अदालत के गेट पर दाखिल करने के लिए भेज दिया। फट करने के बाद इमरान खान वहां से चले गए।
लेकिन पुलिस और उनके दस्तावेजों के बीच झड़पें जारी हो रही हैं। कोर्ट के चारों ओर ‘जंग का मैदान’ बन गया।
मोरक्को के मुखिया अकबर नासिर खां ने बताया कि इमरान खान के साथ मारपीट की और पथराव किया।
उन्होंने कहा, “हमारी आर्थिक स्थिति का मुकाबला गांभीर्य के साथ कर रही हूं।”
इमरान खान स्थानीय समय के अनुसार सुबह आठ बजे से मोटापे के लिए प्रस्थान करते हैं।
सबसे पहले इमरान खान ने जानकारी दी थी कि रास्ते में उनके काफिले के साथ दुर्घटना हो गई।
उन्होंने एक मिनट 13 सेकंड का एक वीडियो सोशल मिडिया पर पोस्ट किया जिसमें उन्होंने दावा किया कि, “बदकिस्मती से एक्सीडेंट हो गया है और मैं जाने दिया हूं।”
उन्होंने मौजूदा सरकार पर हमले का आरोप लगाया और कहा, “वो लोग मुझे छोड़ना चाहते हैं। ये लोग लंदन प्लान पर काम कर रहे हैं जो नवाज शरीफ़ का प्लान है। ये लोग चाहते हैं कि मैं चुनावों में हिस्सा न ले लूं।”
इमरान ख़ान ने ये दावा भी किया कि उन्हें पता है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा लेकिन इसके बाद भी वो अदालत में पेश होने के लिए जा रहे हैं।
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पीटीआई का आरोप
इमरान ख़ान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ़ पाकिस्तान (पीटीआई) के सचिव जनरल असद उमर ने आरोप लगाया कि इमरान ख़ान को ‘कोर्ट तक रोके जा रहा है।’
तहरीक ए इंसाफ़ पाकिस्तान (पीटीआई) ने देश के सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस को एक पत्र भी लिखा और दावा किया कि इमरान ख़ान को ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स तक पहुंचने से रोकने की कोशिश हो रही है।
पीटीआई के नेता असद उमर ने चीफ जस्टिस को लिखित पत्र की प्रति ट्विटर पर जारी की है।
उन्होंने चीफ़ न्याय से अनुरोध किया है कि वो इमरान ख़ान को रोकने के लिए हो रही ‘अवैध कोशिशों’ पर ध्यान दें।
बीबीसी उर्दू के अनुसार असद उमर ने बताया कि पीटीआई ने मैक्सिको हाई कोर्ट में भी एक याचिका दायर की है और इमरान ख़ान की ‘संभावित गिरफ़्तारी’ पर रोक लगाने की मांग की है।
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लाहौर में क्या हुआ?
उदर, शनिवार को लाहौर में पुलिस ने जमान पार्क स्थित इमरान ख़ान के घर पर कार्रवाई की और उनके कई झटके गिर गए।
आईजी डॉक्टर उस्मान अनवर ने बताया कि कार्रवाई के दौरान पुलिस पर हमला करने के मामले में 61 लोगों को गिरा दिया गया है।
बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था और बुलडोजर का भी इस्तेमाल किया गया था।
बीबीसी संवाददाता जैसे असगर के मुताबिक दोपहर के करीब पुलिस ने इमरान खान के घर का दरवाजा तोड़ दिया और अंदर घुस गई।
पुलिस अधिकारियों ने निजी चैनल जियो न्यूज को बताया कि इमरान खान के घर में घुसने के दौरान फायरिंग हुई और पुलिस को निशाना बनाया गया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया, “घर के अंदर मौजूद उपस्थिति के पास हथियार होने का दावा वे पुलिस पर कर रहे हैं।”
इमरान ख़ान की बहन ने कहा सवाल
इमरान ख़ान की बहन डॉक्टर उज़्मा ने लाहौर के ज़मान पार्क स्थित पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के घर पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए।
उन्होंने सवाल किया है कि इमरान ख़ान साहब (इमरान ख़ान) के लिए क्या क़ानून खुले ख़ान साहब हैं?
इमरान खान ने घर के बाहर बवाल पर और सरकारी सेना को क्या कहा?
जमान पार्क में हुई कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा, “पुलिस ने दूर जाना शुरू कर दिया। धक्के देने शुरू किए। वहां एक दो रिपोर्टर भी थे। सटीक (से) ही हुआ। पता नहीं चला। फिर (सुरक्षात्मक फोर्सेस ने) किसी ख्याल की नहीं ज़मान पार्क के अंदर घुस गए। घरों में औरतें थे।”
इमरान ख़ान की बहन ने कहा, “पता नहीं कौन क़ानून के तहत कर रहे थे, कोई खींचने वाला नहीं था।”
उन्होंने कहा, “किसी ने मुझसे पूछा कि आप क़ानून के बारे में क्या कहते हैं तो मेरा ये सवाल है कि क्या शुरू ख़ान साहब के लिए है? बाकी किसी के लिए कोई क़ानून नहीं है?”
डॉक्टर उज़्मा ने कहा, “करवाई को देखकर लग रहा था कि कोई इज़रायली फ़लस्तीनियों पर हमला कर रहे हैं या कश्मीर वाला मंज़र था। मेरे पति यही समझा रहे थे कि देखो अपने लोग उन्हें मत मारो लेकिन वो उन्हें गिरफ़्तार करके ले गए।”
क्या है मामला?
इमरान खान के खिलाफ 83 एफआईआर दर्ज हैं। तो शाखानाना और महिला जज के अपमान के मामले में इमरान खान के खिलाफ गैर-जमानती सर्टिफिकेट जारी किया गया था।
जज ज़ेबा चौधरी के मामले में रेटिंग को गुरुवार दोपहर रद्द कर दिया गया।
तहरीक़-ए-इंसाफ़ पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी. इसी का हवाला देते हुए उन्होंने कोर्ट में हाज़िर होने में असमर्थता जाहिर की थी। इसे देखते हुए सुनने की जगह ले ली गई है।
ऐसे में सुनवाई न्यायिक परिसर में सजाया गया।
लाहौर कोर्ट ने शुक्रवार को नौ मामलों में इमरान खान को जमानत भी दे दी.
कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक बेल दे दी है।
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तोशाना मामले में क्या आरोप लगा रहे हैं?
पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने तोशाखाना मामले में पूर्व इमरान ख़ान को अगले पांच साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए प्रधान मंत्री को अयोग्य करार दिया था।
चुनाव आयोग ने कहा था कि इमरान ख़ान सत्ता में बने हुए हैं तो शाखाना से जो तोहफ़े के लिए थे, उनके बारे में अधिकारियों को उन्होंने सही जानकारी नहीं दी। इमरान खान झूठ को गलत बताते हैं।
इमरान ख़ान पर आरोप है कि वे प्रधानमंत्री पद पर बने हुए क़ीमती तोहफ़े के लिए अपने फ़ायदे के लिए बेच रहे हैं। इमरान ख़ान ने चुनाव आयोग को दी अपनी संपत्ति की घोषणा में ब्योरा नहीं दिया था।
चुनाव आयोग ने बाद में जिला अदालत में शिकायत दर्ज की थी कि प्रधान मंत्री रहते हुए इमरान ख़ान को जो गिफ़्ट मिले उन्हें उन्होंने बेच दिया और इस मामले में उन्हें आपराधिक मुकदमों के लिए सज़ा दी जाएगी।
आरोप है कि इमरान ख़ान प्रधानमंत्री बने हुए हैं तो शाखाओं के लिए गिफ्ट, घड़िया अपने फ़ायदे के लिए देखें।
1974 में पाकिस्तान में तोलखाना स्थापित किया गया। ये कैबिनेट डिवीजन के जंप कंट्रोल के तहत एक ऐसा विभाग है जहां देश के प्रमुख, मंत्री, नौवें, सासंदों को विदेशी सरकार या अधिकार की ओर से मिले मंहगे उपहार चिह्न बन जाते हैं।
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