नौकरियों पर एआई का प्रभाव: चैट जीपीटी के बाजार में सामने आने के बाद सभी के मन में ये सवाल आने लगा कि इसकी वजह से कई नौकरी जा सकती है। विशेष रूप से सामग्री राइटर और ऑथर्स के लिए तो ये पुख्ता तौर पर कहा जा रहा था कि उनकी नौकरी को खतरा हो सकता है। इस बीच चैट जीपीटी की पैरेंट कंपनी ओपन ने एक रिपोर्ट शेयर की है, जिसमें कंपनी ने खुद को बताया है कि आने वाले समय में किन लोगों की नौकरी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के कारण खतरे में पड़ सकती है। ओपन रिसर्च एंड यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें ये बताया गया है कि एआई की वजह से किन लोगों की नौकरी जा सकती है और किनकी जॉब सेफ है।
धमकियों में इन लोगों की नौकरी
गणितज्ञों
कर तैयार करने वाले
वित्तीय मात्रात्मक विश्लेषक
लेखक और लेखक
वेब और डिजिटल इंटरफेस डिजाइनर
कोर्ट रिपोर्टर्स
एक साथ कैप्शनर
प्रूफ़रीडर
कॉपी मार्कर
एकाउंटेंट
लेखा परीक्षकों
समाचार विश्लेषक
पत्रकारों
प्रशासनिक सहायक
सेफ है इन लोगों की नौकरी
कृषि उपकरण ऑपरेटर
एथलीट और खेल प्रतियोगी
वाहन यांत्रिकी
सीमेंट मेसन
रसोइयों
कैफेटेरिया परिचारक
शराब परोसने
डिशवाशर
विद्युत पावर-लाइन इंस्टॉलर और मरम्मतकर्ता
बढई का
चित्रकारों
प्लंबर
मीट, पोल्ट्री और फिश कटर और ट्रिमर
कसाई और मांस पैकर्स
राजमिस्त्री
OpenAi के सीईओ ने कही ये बात
दूसरी तरफ एक इंटरव्यू में ओपन ऑफिस के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने खुद ये कहा कि वह इस बात से चिंतित हैं कि आने वाले समय में कई लोगों की नौकरी एआई की वजह से हो सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि कुछ भी समय बदल जाएगा लेकिन अगर ये शिफ्ट तेजी से होती है तो फिर परेशानी हो सकती है। इसके अलावा सैम ऑल्टमैन ने यह भी कहा कि पिछले कुछ समय में लोगों ने जिस तरह की नई तकनीक को अपनाया है, वह आपके लिए अद्भुत है। मानवीय रचनात्मकता लिमिटलेस है। हम सभी को चैट जीपीटी को एक टूल के रूप में देखना चाहिए न कि किसी रिप्लेसमेंट के तौर पर।
समाचार रीलों
बता दें, कुछ समय पहले ही ओपन चैट ने जीपीटी 4 को लाइव किया है। ये एक अपडेटेड वर्जन है जिसमें फोटो के जरिए भी लोग सवाल कर सकते हैं। सरल भाषा में कहें तो ये चैट जीपीटी 3.5 से और ज्यादा एडवांस और परफेक्ट है।
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