आरबीआई रेपो दर: नए वित्त वर्ष 2023-24 के शुरू होने के साथ ही आरबीआई ने कर्ज लेने वालों को बड़ी राहत दी है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पहली मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के संदेश का एलान करते हुए प्राधिकरण के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपनी पॉलिसी रेटिंग यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। रेपो रेट 6.50 प्रतिशत पर कायम है। क्रेडिट के इस फैसले के बाद आपके होम लोन की ईएमआई और ग्रांट नहीं मिलेगी। इससे पहले प्राधिकरण ने 2022-23 में छह मॉनिटरी की कमियों में 2.50 प्रतिशत रेपो रेट बढ़ा दिया है
RBI ने नहीं इंडेक्स रेपो रेट
सिगरेट के रेपो रेट नहीं बढ़ाने के बाद सरकारी-निजी बैंक से लेकर हाउसिंग फाइनैंस कंपनियां होम लोन (होम लोन) के बेझिझक (ब्याज दर) में अब और मोटरसाइकिल नहीं लेंगी, जिसके बाद आपका ईएमआई (EMI) और दीर्घावधि ब्याज नहीं होगा। लेकिन यह भी सच है कि पिछले छह मॉनिटरी देनदारी में 2.50 प्रतिशत रेपो रेट को बढ़ाए गए कर्ज को चुकाया गया है, जो कर्ज लेने वालों की जेब पर भारी बोझ डालता है।
एक साल में एक्सक्लूसिव हो गया
आरबीआई ने पिछले छह एमपीसी मीटिंग में रेपो रेट इंडेक्स के चलते 20 साल के लिए 25 लाख रुपये का होम लोन पर पहले जहां 6.75 प्रतिशत वेज रेट के होश से 19,009 रुपये का भुगतान किया जा रहा था। लेकिन रेपो रेट में 2.50 बेसिस पॉइंट के बाद ब्याज दर बढ़कर 9.25 सेंट हो जाएगा जिस पर 22,897 रुपये ईएमआई चुकाना पड़ रहा है। यानी करीब 3888 रुपये में करीब 3888 रुपये की लागत हो गई है। यानि एक साल में 46,656 रुपये ब्लूज़ लोड बढ़ गया है।
मान लिजिए चाश होम लोन के चक्कर में किसी होम बायर्स ने 40 लाख रुपये का होम लोन 6.50 सेंट के दर पर लिया था, लेकिन बाद में उन्हें 9.25 प्रतिशत होम लोन चुकाना पड़ा। पहले जहां 6.50 फीसदी दर पर 29,823 रुपये ईएमआई का भुगतान किया जा रहा था। लेकिन अब उसी होम लोन पर होम बायर्स को 35,989 रुपये ईएमआई चुकाना पड़ रहा है। हर महीने 6166 रुपये ईएमआई ज्यादा चुकाना पड़ रहा है। पिछले एक साल में होम लोन के महंगे होने से होम बायर्स पर ब्लूप्रिंट 73992 रुपये ज्यादा किराया का नुकसान हुआ है।
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