आरबीआई पर निर्मला सीतारमण: वित्त मंत्री निर्णला सीतारामन ने भारतीय रिजर्व बैंक की अपनी पॉलिसी दरों में बदलाव नहीं करने के फैसले का स्वागत किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि सीबीआई ने सही फैसला लिया है। इससे पहले दस्तावेजों की मॉनिटरी कमिटी ने वित्त वर्ष 2023-24 के पहले ग्राह्यकरण में पात्रता पात्रता में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में छह बार दाखिले पर रोक लगाने के लिए 2.50 प्रतिशत रेपो रेट में रेट की गई थी और रेट रेट को 4 प्रतिशत से 6.50 प्रतिशत बढ़ा दिया गया था।
वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद सीधे छह प्रतिशत नीचे रखने में सरकार सफल रही है। निर्मल सितारामन ने कहा कि सरकार दबदबे को लेकर अत्यधिक संवेदनशीलता है तो ही उसके साथ उसे धारण करने के लिए कड़ी कार्रवाई करने में भी पीछे नहीं रहता है।
निर्मल सितारामन ने कहा कि वैश्विक बाजार में महामारी और युद्ध के कारण सरिया के बांधों में तेज देखने को मिला है जबकि भारत आयात करता है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने सब्सिडी देने की घोषणा की है।
वित्त मंत्री ने सवाल किया कि, क्या आप हर जगह मौजूदा स्थिति की तुलना करेंगे, खासकर कोविड और रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद? जिन वस्तुओं का हम आयात करते हैं वे सभी सेल वे स्काई छू रहे हैं। इन वस्तुओं का उत्पादन भारत में नहीं होता है। और पूरी तरह आयात पर हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या ये सबंध में मेरी वजह है? जबकि ये कीमत मुझसे प्रभावित होती है। और इसलिए हमें लोगों की सहायता करनी पड़ रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसके विपरीत नियमों में भी गड़बड़ी को 6 प्रतिशत या नीचे रखा गया है। कई बार यह ऊपर गया है लेकिन हम आरबीआई के साथ मिलकर काम करते हैं और इसे प्राधिकरण से नियंत्रित करने के लिए कहते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि सर्वेक्षण तेल और रसोई गैस, जो आयात किए जाते हैं – सरकार इन पर सब्सिडी देने की कोशिश करती है।
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