रूस-यूक्रेन संघर्ष: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को फरवरी में एक साल पूरा हो जाएगा। यह युद्ध अब भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अमेरिका और यूरोप के अन्य देश यूक्रेन डटकर की मदद से रूस का मुकाबला कर रहे हैं। इस बीच संयुक्त राज्य अमेरिका ने शुक्रवार को यूक्रेन के लिए 3 अरब डॉलर की सैन्य सहायता की घोषणा की। इसे व्हाइट हाउस ने कीव के लिए अब तक का सबसे बड़ा सहायता पैकेज बताया है। प्रेस सचिव कैराइन जीन-पियरे ने कहा कि यह सहायता राशि बाद में पेंटागन की ओर से विस्तृत की जाएगी। इसके तहत ब्रैडली पैदल सेना से लड़ने वाले वाहन, वीडियो एपी और अन्य कार्मिक वाहक, और स्व-प्रारंभ हॉवित्जर के शामिल होने की उम्मीद है।
फर्जी और बर्लिन ने पिछले दिनों घोषणा की थी कि वे यूक्रेन को आर्म्ड व्हीकल देंगे। इसमें यह भी कहा गया था कि संयुक्त राज्य अमेरिका से ब्रैडली और जर्मनी से मर्डर्स वाहन होगा, लेकिन इसकी डिटेल नहीं दी गई थी। बर्लिन ने शुक्रवार को कहा कि वह सप्ताहभर के अंदर करीब 40 मई को महत्वपूर्ण रूप से यूक्रेन भेजेगा। मर्डर और ब्रैडली दोनों ही वाहन जो आमतौर पर 25 मिमी ऑटोकैनन, 7.62 मिमी मशीनगन और टैंक संबंधी मिसाइलों से कम होते हैं, इनमें शामिल होने से जापानी सेना काफी अधिक मारक क्षमता वाली होगी।
‘युद्ध में अहम रोल अदा करेंगे ये गाड़ी’
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने पापराज़ी क्षमता से कहा कि ब्रैडलिस “संयुक्त हथियार युद्धभ्यास करने के मामले में बहुत महत्वपूर्ण हैं।” एक ऐसा क्षेत्र जिसमें पेंटागन ने कहा है कि वह कीव की सेना को प्रशिक्षण प्रदान करेगा। किर्बी ने कहा, “अभी तक संघर्ष लंबा चलेगा और इसमें महत्वपूर्ण का रोल अहम होगा।” वहीं, पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने पिछले दिनों कहा था कि ब्रैडली “एक टैंक नहीं है, बल्कि यह एक टैंक किलर है। हमें विश्वास है कि यह युद्ध के मैदान में उनकी सहायता करेगा।”
फ्रांस की मदद ने दूसरे देशों को मजबूर किया
यूक्रेन लंबे समय से टैंकों सहित भारी देरी की मांग कर रहा था, अमेरिका और अन्य देशों से कर रहा था। हालांकि, पश्चिमी देशों के युद्ध में और अधिक शामिल होने या रूस को उकसाने की आशंकाओं का हवाला देते हुए ये संकेत से बच रहे थे, लेकिन इस बीच फ्रांस की ओर से यूक्रेन को एक एमएक्स-10 आरसी लाइट टैंक देने के बाद अमेरिका और अन्य देशों यूक्रेन की मदद के लिए इनकी वजह से रजामंदी है।
ये भी पढ़ें