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17वें प्रवासी दिवस के कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए नरेंद्र पहुंचे पीएम मोदी के राष्ट्रपति ने उन वर्षों पुरानी यादों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारे आपके बीच की दूरियां, भले ही हमें आपको बहुत दूर शत्रु भाई लेकिन हमारे दिल और आत्मा एक दूसरे को विश्वास और आशा से घूम रहे हैं। आप तब आए थे जब आप भी नहीं थे और वहां आपको बहुत प्यार मिला था।
‘मैंने यहां से पढ़ाई की मुझे बहुत प्यार मिला’
गयाना के राष्ट्रपति ने कहा वैसे ही मैंने राष्ट्रपति बनने से पहले भारत में पढ़ाई की थी और मुझको यहां से बहुत प्यार मिला। मैं गया की सरकार की तरफ से भारत सरकार और यहां के लोगों को ढेर सारा प्यार और समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि इस समय आप जिस मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं, आपने अपनी मां को खोया है, आपने एक बार फिर दुनिया को मां की अहमियत बताई है।
‘मैं तब कुछ भी नहीं था’
पीएम मोदी के राष्ट्रपति को धन्यवाद देते हुए कहते हैं कि मैं गयाना के राष्ट्रपति का बहुत लोकप्रिय हूं कि वे पुराने यादगार की तरह हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं गया तो मैं कुछ भी नहीं था, मैं भी नहीं था, मैं उनका सर्वप्रिय हूं। उन्होंने आगे कहा कि भारत से कई रास्ते से प्रवासी बसे हैं, उन्होंने उन देशों के राष्ट्र निर्माण में अतुलनीय योगदान दिया है। हमें उनकी उपलब्धियों को बचाना चाहिए ताकि हम उनके संघर्ष को इतिहास में दर्ज कर सकें।