एप्पल आईफोन: छोटे की मैन्युफैक्चरिंग में भारत, चीन के दबदबे को बड़ी चुनौती देने की तैयारी है। साल 2027 तक दुनिया में बनने वाले हर दो दिखने वाले में से एक की मैन्युफैक्चरिंग भारत में होगी। आंकड़ों के मुताबिक इस वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर के बीच बारत से 2.5 अरब डॉलर के आंकड़े सामने आए हैं, जो वित्तीय वर्ष के आंकड़े से भी दो गुना अधिक है।
मौजूदा समय में कई मैन्युफैक्चरिंग में भारत की दृष्टि पांच प्रतिशत से भी कम है। लेकिन 2027 तक हर दो में एक भारत दिखेगा। ये साउथ एनालिसिस चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने रिपोर्ट की है। इससे पहले जेपी मॉर्गन ने कहा था कि 2025 से 25 सेंट का मैन्युफैक्चरिंग भारत में होने लगेगा।
सुपरस्टार कंपनी ने अपनी सबसे लेटेस्ट मैन्युफैक्चरिंग भी भारत में शुरू कर दी है। सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए प्लिस्ट में शामिल किया गया है। व्हिस्ल मेकिंग कंपनी फॉक्सकॉन ने भी फायदा उठाया है। 2023 के एक अनुमान के अनुसार फॉक्सकॉन द्वारा तैयार किए जाने वाले कई सौ प्रतिशत में 150 प्रतिशत का उछाल आ सकता है। और 40 से 45 प्रतिशत भारत से जिम्मेदारी लेंगे जो अभी केवल 2 से 4 प्रतिशत के बीच है। 12, 13, 14, 14 के अंगूठे से अचंभित होकर भारत में तैयार होता है।
जल्द ही टास्क ग्रुप (Tata Group) भी भारत में शॉर्ट की मैन्युफैक्चरिंग करती नजर आएगी। टास्क ग्रुप पहली भारतीय कंपनी होगी जो कि (iPhone) की मैन्युफैक्चरिंग करेगी। टास्क ग्रुप ताइवान का विस्ट्रॉन ग्रुप (विस्ट्रोन ग्रुप) का दक्षिण भारत स्थित प्लांट लेने जा रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही ये डील पूरी कर ली जाएगी। जिसके बाद का ग्रुप विस्ट्रॉन के साथ मिलकर भारत में देगा। इस ज्वाइंट वेंचर में पेज ग्रुप का सबसे बड़ा व्यूअर होगा। चीन का मैन्युफैक्चरिंग में इस समय सबसे बड़ा दबदबा है। कुल का 85 प्रतिशत चीन में तैयार किया गया है।
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