इज़राइल फिलिस्तीन संघर्ष: इजरायल के अतीत के दिनों में फिलिस्तीन पर बोले गए संकीर्ण संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) में कुल 40 देश साथ आ गए हैं। उन्होंने इजरायल से फिलिस्तीनी पर स्वीकृत गए प्रोटोकॉल को हटाने की अपील की।
पिछले साल 30 दिसंबर को यूएन जनरल असेंबली ने फिलिस्तीन पर इज़राइली के कुछ विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय कोर्ट की राय जानने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव में यूएन के कुछ सदस्य देश फिलिस्तीन पर इजरायल के लिए नई रोक उसकी राय जानना चाहते थे।
40 देश के साथ क्यों आए?
इसी स्थिति में सोमवार (16 जनवरी) को यूएन में शामिल हुए 40 सदस्य देशों ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की राय आने के बाद फिलिस्तीन पर तय की गई संभावनाओं पर चिंता जताई और जे की राय का स्वागत भी किया, जिसमें उन्होंने जनरल असेंबली के अनुरोध के बाद फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ, उनके नेतृत्व और नागरिक समाज के दंडात्मक उपाय करने के लिए इजरायल के फैसले पर गहरी चिंता व्यक्त करने की थी।
इज़राइली के छूट पर क्या बोला?
अदालत ने सदस्य देशों से अपना जवाब देते हुए कहा था कि हम इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर लगाए गए इन अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों को खारिज करते हैं। हमारा मानना है कि अनुमति अनुमति प्रभाव से बहुत कम वापस ले सकते हैं।
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— फ़िलिस्तीन राज्य (@Palestine_UN) जनवरी 16, 2023
परिजनों ने प्रस्ताव का समर्थन किया था
अल्जीरिया, अर्जेंटीना, बेल्जियम, आयरलैंड, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों में शामिल थे, तो वहीं इस प्रस्ताव में जापान, फ्रांस और साउथ कोरिया जैसे देश से बाहर वोटिंग प्रस्ताव पर निर्णय लिया गया। चले गए थे।
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