भारत पाकिस्तान संबंध: गरीबी और भुखमरी से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ जहां भारत के साथ बातचीत के लिए उतावले हैं तो वहीं पाकिस्तान की सेना इस मूड में नजर नहीं आ रही है। एक तरफ जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एक टीवी इंटरव्यू के जरिए भारत को सीधी बातचीत की पेशकश की है तो वहीं पाकिस्तानी अफसर शायद ऐसा नहीं चाहते हैं।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान ने भारत के साथ तीन युद्ध लड़े और इस युद्ध में उसका सबका साथ मिला है। उनके दावों के बीच पाकिस्तान की पूर्व वायु सेना के प्रमुख एयर मार्शल सोहेल अमन ने लाहौर में कहा कि 2019 की बालकोट एयरस्ट्राइक में पाकिस्तान भारत के 8 फाइटर प्लेन को गिरा सकता था लेकिन वह तनाव नहीं बढ़ाना चाहता था इसलिए हमने ऐसा नहीं किया।
टीवी इंटरव्यू में क्या बोले थे सरफराज?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने अल अरबिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि जो पीएम मोदी से अपील करते हैं कि उनके पाकिस्तान के साथ काम कर सकते हैं, ये सबसे ऐसे हल हैं।
उन्होंने आगे इसी साक्षात्कार में कहा कि हम पड़ोसी हैं। यह हमारे ऊपर है कि हम शांति से रहें. प्रगति करें या फिर एक दूसरे से लड़ाई करें और समय और संसाधनों को बर्बाद करें। हम भारत के साथ तीन युद्ध लड़ चुके हैं और यह युद्ध हमारे देश में कांगाली, गरीबी और लोगों के लिए रोजगार लेकर आया है। हम अपना सब कुछ सीख चुके हैं और शांति से रहना चाहते हैं।
पूर्व एयरचीफ ने शेखी?
मंगलवार (17 जनवरी) को पूर्व वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल सोहेल अमन ने लाहौर में एक कार्यक्रम में शेखी बघारते हुए कहा कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के समय हमारे इरादे में 8 भारतीय लड़ाकू विमान थे, लेकिन हमने सिर्फ उनके एक फाइटर जेट को गिराया क्योंकि हम टेंशन में थे नहीं बढ़ाना चाहते थे.
बालकोट स्ट्राइक का सच क्या है?
14 फरवरी को जम्मू और कश्मीर के गुट में सीआरपीएफ ने आत्मघाती बम से हमला किया था जिसमें भारत के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) ने ली थी।
इन सैनिकों की शहादत का बदला लेने के लिए भारतीय वायु सेना ने 12 मिराज प्राथमिक के जरिए पीओके में करीब 21 मिनट तक बमबारी की थी। फिल्हाल ने इस कार्रवाई में करीब 300 लोगों को निशाने पर लिया था। भारत के इस ऑपरेशन की पाकिस्तानी सेना को भनक तक नहीं लगी थी।
India Pak Relation: पहले आमादित अब ‘मोहब्बत’…क्या भारत-पाकिस्तान में दोस्ती संभव है?