पाकिस्तान-अमेरिका संबंध: पाकिस्तान अभी बहुत ही बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इस दृश्य दुर्घटना दर भी आसमान छू रही है। इस वक्त वो हर पड़ोसी मुल्क से मदद मांग रहा है। आतंकियों को पाना देने वाला देश पाकिस्तान आज खुद आतंकवाद से जूझ रहा है। उसे कैसे समझ नहीं आ रहा है कि वो चौतरफा मुसिबतों का सामना करें। इसी बीच कभी पाकिस्तान का सबसे अकेला दोस्त कहने वाला देश अमेरिका उसे झटका देने को तैयार है।
अमेरिका अब अफ़ग़ानिस्तान के बाद पाकिस्तान से भी गैर-नोटो सहयोगी का स्तर वापस लेने पर विचार कर रहा है। इसे लेकर एक अमेरिकी सांसद ने प्रतिनिधि सभा में बिल पेश किया है। यह बिल अमेरिकी सांसद एंडी बिग्स के लिए पेश किया गया है। इस बिल पर अमेरिका के राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करने से पहले बिल को लॉर्ड्स या सीनेट में पेश करने की आवश्यकता है।
पासपोर्ट पास नहीं हो सकता
हालांकि गैर-नाटो सहयोगी का स्तर वापस लेने वाला झांसा नहीं देता है, लेकिन फिर भी पाकिस्तान के खिलाफ पेश किए गए अमेरिका के सांसदों के स्कोर दिखाते हैं। अगर पाकिस्तान इससे बचना चाहता है तो उसे अमेरिका के राष्ट्रपति के सलाना अकाउंट की जरूरत होगी, जो गैर-नाटो सहयोगी के सभी को बनाए रखने की जरूरत होगी।
अफगानिस्तान से स्तर वापस लिया
अमेरिका ने पिछले ही साल ही अफगानिस्तान से गैर-नाटो सहयोगी देश का स्तर वापस ले लिया था। ये कदम अमेरिका की तरफ से जगमगा उठा, जब अँधियारे में घेराबंदी कर ली थी। एक गैर नाटो सहयोगी के रूप में अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान को कई तरह की सुरक्षा सुविधाओं में छूट दी थी। अफगानिस्तान के साथ अमेरिका के लगभग 18 गैर-नाटो सहयोगी देश शामिल थे। अमेरिका ने वर्ष 1987 में गैर-नाटो सहयोगी का स्तर शुरू किया था। अमेरिका ने अब बहरीन, ब्राज़ील, मिस्त्र, इज़राइली, जापान, जॉर्डन, कुवैत, मोरक्को सहित 10 अन्य देशों को गैर-नाटो सहयोगी स्तर पर रखा है।
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