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ईरान के बरताव को लेकर मानवाधिकार संगठनों ने भी सवाल उठाए हैं। इन सबके बीच ईरान ने एक ऐसा कारनामा किया है, जिसकी वजह से ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन कंट्री के स्पेशल फोर्स को जल्द ही संगठन घोषित करने की तैयारी में हैं।
हाल में ईरान ने सरकार के पूर्व मंत्री अलीरेजा अकबरी को फांसी की सजा सुनाई थी। ईरान ने अलीरेजा पर ब्रिटेन के लिए जासूसी के आरोप में मुजरिम करार दिया और बाद में फाँसी दी। अलीरेजा अकबरी के पास ब्रिटेन की भी शिक्षा थी।
IRGC देश की स्पेशल फोर्स
ईरान में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) कंट्री स्पेशल फोर्स है। ये देश के लिए राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक मोर्चे पर लड़ता है। ये स्पेशल फोर्स देश में चलने वाले घरेलू संकट के साथ-साथ इस्लामिक पंजाबियों की रक्षा करती है। इस स्पेशल फोर्स को ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जल्द ही संगठन घोषित करने की कोशिश में हैं। इससे पहले ब्रिटेन ने ईरान पर आरोप लगाया था कि अलीरेजा को लालच देने वाले ब्रिटेन से ईरान को बुलाया गया था और गंभीर आरोपों में कठोर भ्रष्टाचार प्रक्रिया से पीड़ित होने की सजा सुना दी गई थी। ईरान के गुप्तचरों ने अलीरेजा को 3500 घंटे तक टॉर्चर किया और जबरदस्त कुबूल घोटालों को अंजाम दिया।
US 2019 में ही अंगों में शामिल होकर
जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेनेन ने भी अपील की है कि वो इरजीसी को संगठन संगठन की अपनी सूची में शामिल करें। उन दोनों ने ईरान में चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर सख्ती करने में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की भूमिका को बताया।
यूरोपीय संसद ने पहले ही IRGC को संगठन घोषित करने के पक्ष में प्रस्ताव पारित कर दिया है। लेकिन ये प्रस्ताव उसी कार्रवाई में आएगा, जब यूनियन के सदस्य देश इसे अपनी मंज़ूरी देंगे। यूएस 2019 में ही IRGC पर ये आरोप लगे निकाय संगठनों की सूची में शामिल हो गए हैं कि ये ‘हिज़बुल्ला’ जैसे संगठन का समर्थन करता है।
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