हॉकी विश्व कप 2023: भारतीय हॉकी टीम का 48 साल बाद फिर एक बार वर्ल्ड कप विजेता का सपना अधूरा रह गया। 22 जनवरी को भुवनेर में खेले गए मैच में न्यूजीलैंड ने भारत को क्रॉसओवर में पेनल्टी शॉटआउट में 5-4 से हरा दिया। यह भारत के लिए करो या मरो वाला मुकाबला था। इस हार के बाद टीम इंडिया हॉकी वर्ल्ड कप से बाहर हो गई। इससे पहले तय समय में दोनों टीमें 3-3 की बराबरी पर रहीं। लेकिन पेनल्टी शॉटआउट में भारत लोअर रैंक की टीम न्यूजीलैंड से पीछे रह गई। हॉकी रैंकिंग में छठे स्थान पर मौजूद भारतीय टीम का प्रदर्शन न्यूजीलैंड के खिलाफ काफी गलत है। यह वजह रही कि पहले आधे में भारत ने 2-0 की बढ़त तय करने के बाद न्यूजीलैंड को मैच में वापसी करने का मौका दिया। आइए आपको उन पांच कारणों के बारे में बताते हैं जो रविवार को भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।
भारत ठहराव में असफलता
भारत आक्रामक शुरुआत करने के बाद मैच मे स्थिरता नहीं पाया। पहली तिमाही में दोनों टीमें गोल अनुपयोगी बराबरी पर रहीं। दूसरे क्वार्टर में भारतीय टीम तेजी से दिखाई दी और 17वें मिनट में ललित उपाध्याय ने गोल दाग कर टीम इंडिया को चमका दिया। वहीं 24वें मिनट में सुखजीत सिंह ने गोल कर भरत की बढ़त और मजबूती दिखाई। लेकिन इस बीच न्यूजीलैंड ने भी अपना आक्रमण तेज कर दिया और 28वें मिनट में सैम लेन ने गोल कर भारत की बढ़त को कम कर दिया।
अकेलेपन में कमी
तीसरे तीसरे में भारत की आक्रमकता में कमी दिखी और टीम इंडिया सिर्फ एक गोल कर पाई। 40वें मिनट में भारत की तरफ से अरुण कुमार ने गोल किया। वहीं न्यूजीलैंड भी तीसरे क्वार्टर में एक गोल करने में सफल रहा। मेहमान टीम के लिए केन रसेल ने 43वें मिनट में गोल दागा। तीसरे तीसरे जब खेल समाप्त हुआ तो भारत 3-2 से आगे था।
कमजोर रही भारत की रक्षापंक्ति
चौथी तिमाही में टीम इंडिया की रक्षापंक्ति कमजोर नजर आई। भारतीय टीम अपना बेहतर बचाव नहीं कर सकी। अभी मैच खत्म होने में 11 मिनट का वक्त बाकी था। ऐसे में न्यूजीलैंड ने तेज हमला किया। भारतीय डिफेंस बिफरता नजर आया। 49वें मिनट में न्यूजीलैंड के सीन फिंडले ने तीसरा गोल टीम के बराबरी पर ला दिया। इसके बाद टीम इंडिया गोल करने के लिए लाती रही लेकिन न्यूजीलैंड की मजबूत रक्षापंक्ति के आगे वह एक न चला। इस तरह तय समय में दोनों टीमें 3-3 की बराबरी पर रहीं।
पेनल्टी कॉर्नर नहीं मिला भारत
भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ पेनल्टी कॉर्नर जुए में नाकाम रही है। भारत को 22 से 24 मिनट के दरम्यां चार पेनल्टी कॉर्नर मिले। लेकिन भारतीय खिलाड़ी हर बार गोल करने में नाकाम रहे हैं। भारतीय टीम के लचर प्रदर्शन का अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे मैच में भारत को 10 पेनल्टी कॉर्नर मिले। इसके बावजूद टीम इंडिया का स्कोर तय समय में 3-3 की बराबरी पर रहा।
सडेन डेथ में धरी रह गई काबिलियत
भारतीय खिलाड़ियों को पेनल्टी शॉटआउट में गोल करने में माहिर माना जाता है। लेकिन इस क्रॉसओवर में पेनल्टी शॉटआउट के दौरान टीम इंडिया के गोल करने काबिलियत धरी रह गई। पेनल्टी शॉट आउट में भारत की तरफ से हरमनप्रीत सिंह, प्रिंस पाल और सुखजीत सिंह ने गोल दागे। जबकि अभिषेक और शमशेर सिंह गोल करने से चूक गए। सडेन डेथ में हरमनप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह और शमशेर सिंह गोल नहीं कर पाए। सडेन डेथ में भारत की तरफ से प्रिंस ने गोल किया था। वहीं न्यूजीलैंड के लिए पेनल्टी शूट आउट में केन रसेल, शॉन फिडले, निक वुडस ने गोल किया। सैम लेन और सैम हिहा गोल से चूक गए। सेडेन डेथ में निक वुड्स और हेडेन फिलिप्स गोल से चूक गए। सीन फिंडले और सैम लीन ने गोल किया। इस तरह पेनल्टी शॉट आउट में भारत की काबिलियत धरी रह गई और टीम इंडिया को 4-5 से हार का सामना करना पड़ा।
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