आईएमएफ ने पाकिस्तान को वित्तीय मदद से किया इनकार: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से झटका लगने लगा है। आईने ने पाकिस्तान को आर्थिक राहत देने से इनकार किया है। पाकिस्तान ने एक समीक्षा टीम की धमक लगाई थी, जिसे मैंने छुआ ने ठुकरा दिया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक बदहाली के कारण पाकिस्तान सरकार के कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत के आवंटन की भी योजना बना रही है और इसी के साथ संकट से सतर्कता के लिए अन्य उपायों पर भी विचार कर रही है। इन उपायों में मंत्रालयों पर होने वाले खर्च में 15 प्रतिशत का आवंटन शामिल है। यह भी कहा जा रहा है कि मंत्री और राज्य मंत्री की संख्या को भी कम किया जा सकता है।
आईआईएम की समीक्षा टीम का काम क्या है?
आईमैक्स की समीक्षा टीम वास्तविक आर्थिक स्थिति का जायजा लेती है और समस्याओं की समीक्षा करती है। पाकिस्तान सरकार ने अपने आर्थिक संकट को देखते हुए यह आग्रह किया कि वो एक समीक्षा टीम देश का दौरा करने के लिए भेजे। अब रिपोर्ट्स आ रही हैं कि आई ज़िप ने अपनी समीक्षा टीम को पाकिस्तान मानने से इनकार किया है। परिणामस्वरूप ऐसा माना जा रहा है कि भ्रम से किसी को भी पाकिस्तान को राहत नहीं मिली है।
विदेशी मुद्रा विक्रेता को कितना बचाना है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के विदेशी मुद्रा विक्रेता ने हाल में 4.343 अरब डॉलर के निचले स्तर को छू लिया है, जो केवल दो सप्ताह के लिए ही पर्याप्त है। वहीं, रॉयटर्स की खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान भुगतान संकट के संतुलन से जूझ रहा है और उसका विदेशी मुद्रा विक्रेता गिरकर 4.6 बिलियन डॉलर हो गया है, जो मुश्किल से तीन सप्ताह के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है। पाकिस्तान ने 2019 में 6 बिलियन डॉलर का बेलआउट हासिल किया था जो इस साल की शुरुआत में 1 बिलियन डॉलर के साथ सबसे ऊपर था।
माना जा रहा है कि मौजूदा समय में एक दशक के आर्थिक संकट के दौरान पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दयनीय है। देश में चरम पर है। गैस के दस्तावेजों में 70 फीसदी और बिजली के बिल में 30 फीसदी के निशान बने हुए हैं। मामले से चिपटने के लिए पाकिस्तान सहित कई देशों से संपर्क कर चुका है।